Pakistan TTP Conflict : हमेशा से ही आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान आज खुद आतंकवादी संगठनों से परेशान है. हाल ही में तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों समेत कई ठिकानों को निशाना बनाया है. इन संगठनों के द्वारा सबसे अधिक हमले पाकिस्तानी सेनाओं के ठिकानों पर किया जा रहा है.
पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगाई गुहार
देश में हो रहे आतंकवादि संगठनों के हमलों को लेकर पाकिस्तान कई बार अफगानिस्तान से मदद की गुहार लगा चुका है, लेकिन अफगान ने साफ साफ कह दिया है कि उसका इससे कोई लेनादेना नहीं है. पाकिस्तानी के इस स्थिति को लेकर एक पाकिस्तानी यूट्यूबर ने डिफेंस एक्सपर्ट सैयद नाजिर से बात की.
इन देशों के साथ पाकिस्तान के रिश्ते खराब
बातचीत के दौरान सैयद नाजिर ने कहा कि इस समय पाकिस्तान के हालात काफी मुश्किल में हैं. क्योंकि भारत के साथ ही अब अफगानिस्तान से भी उसके रिश्ते खराब हो गए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में टीटीपी जैसे संगंठनों की मौजूदगी को नकारा नहीं जा सकता है. उनका मानना है कि टीटीपी और अफगान में तालिबानी सरकार के संबंध हैं और दोनों संगठन साथ में ट्रेनिंग तक करते रहे हैं.
इन देशों से दबाव डलवाए पाकिस्तान
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार के आने से सबसे ज्यादा फायदा TTP को हुआ है. उसे अब दूसरे देशों से हथियार मिल रहे हैं, जिसके कारण पाकिस्तान में टीटीपी के हमले बढ़े हुए है. सैयद नाजिर ने कहा कि अफगानिस्तान और आतंकी संगठनों को लेकर पाकिस्तान से खुद ही गलतियां हुई है, जिसका परिणाम वो भुगत रहा है.
ऐसे में उसे अपनी गलतियों पर रोने के बजाय स्थायी समाधान ढूंढ़ने चाहिए. तालिबान और टीटीपी का गठजोड़ को तोडने के लिए उसे रणनीति बनानी चाहिए. इसके लिए यदि पाकिस्तान सऊदी, यूएई और चीन जैसे देशों से अफगान सरकार पर दबाव डलवाएगा तो शायद कुछ हो सकता है.
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