पाकिस्तान में आर्थिक कंगाली के बाद शिक्षा प्रणाली का गहराया संकट, एशियन विकास बैंक ने भारत से कुछ सीखने की दी नसीहत

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan: पाकिस्‍तान की आर्थिक कंगाली के बाद अब शिक्षा प्रणाली को लेकर भी व्‍यवस्‍थाएं डगमगाने लगी है, जिसे दुरुस्त करने के लिए उसने एशियन विकास बैंक से वित्तीय सहायता की मांग की है. पाकिस्‍तान के इस मांग को लेकर एशियन विकास बैंक ने बड़ी नसीहत दी है. बैंक ने कहा कि अपनी शिक्षा प्रणाली को सुधारने और लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए पाकिस्तान भारत की उल्लास योजना को अपनाए.

मनीला की एशियन विकास बैंक ने पाकिस्तान से यह सिफारिश की है कि सरकार एक रणनीतिक और बहु-हितधारक परामर्शी दृष्टिकोण अपनाए. भारत सरकार की यह नई योजना उल्लास जैसा हो सकता है और उल्लास योजना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संघीय और प्रांतीय दोनों सरकारों के सहयोग पर जोर देती है. ऐसे में पाकिस्तान भी ऐसी योजना अपनाकर शिक्षा क्षेत्र में सफलता प्राप्‍त कर सकता है.

बिगड़ी पाकिस्‍तान की शिक्षा प्रणाली

बता दें कि एडीबी की सिफारिश एशियन विकास बैंक अध्यक्ष मासत्सुगु असाकावा की पाकिस्तान यात्रा से कुछ दिन पहले आई है. दरअसल, योजना आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में शिक्षा प्रणाली खराब हो गई है. ऐसे में इस्लामाबाद को छोड़कर सभी 134 जिलों में सीखने के परिणाम पिछड़ रहे हैं.

क्‍या है भारत की उल्लास योजना?

बता दें कि भारत की उल्लास योजना का पूरा नाम अंडरस्टैंडिंग ऑफ लाइफलॉन्ग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसाइटी (ULLAS) है, जिसका 15 साल के लोगों को साक्षर बनाना है. भारत के इस योजना के तहत साक्षरता का अर्थ केवल हस्ताक्षर करना आना ही नहीं बल्कि हजार तक गिनती, जोड़-घटा, गुणा, भाग जैसे सवालों के जवाब देने में सक्षम होना है.

भारत सरकार के इस योजना के लिए ओपन बोर्ड की 150 अंकों की फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी असेसमेंट (एफ़एलनेट) परीक्षा पास करनी होती है. वहीं, साक्षरता के बाद लाभार्थी को रोजगार के लिए वोकेशनल और स्किल ट्रेनिंग दी जाती है. जिसमें वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल-जागरूकता, शिक्षा और परिवार कल्याण जैसे पहलू भी शामिल हैं.

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