Christian in Pakistan: पाकिस्तान में एक ईसाई युवक को सोशल मीडिया पर पोस्ट करना महंगा पड़ गया. पाकिस्तान की अदालत ने युवक को मौत की सजा सुनाई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक ईसाई शख्स ने सोशल मीडिया पर ईशनिंदा संबंधी पोस्ट की थी. इस युवक पर आरोप है कि इसके इस पोस्ट की वजह से पिछले साल भीड़ भड़क उठी थी. जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने 24 चर्च और ईसाइयों के 80 से अधिक घरों को जला दिया था. जिसके बाद अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले युवक को मौत की सजा सुनाई है.
बता दें कि हिंसा भड़कने के बाद मामले को शांत करने के लिए पुलिस ने बाद में 200 से अधिक मुसलमानों को पकड़ा था. इनमें से 188 लोगों को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया है या जमानत पर रिहा कर दिया है. वहीं, एक शख्स को मृत्युदंड की सजा सुनाई है. अधिकारियों ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी है.
सोशल मीडिया पर की थी ये पोस्ट
आतंकवाद रोधी मामलों के विशेष न्यायधीश (साहीवाल) जैनुल्लाह खान ने शनिवार को अहसान राजा मसीह को मृत्युदंड की सजा सुनाई. साथ ही 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया. उन्होंने आतंकवाद रोधी अधिनियम और इलेक्ट्रॉनिक अपराध निषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 22 साल कारावास की भी सजा सुनाई है. मसीह पर आरोप है कि उसने ‘ईंशनिंदाकारक सामग्री’ टिकटॉक पर पोस्ट की और मुस्लिमों की भावनाओं को आहत किया था. पुलिस अधिकारी की शिकायत के आधार पर उसके खिलाफ आतंकवाद रोधी अधिनियम और इलेक्ट्रॉनिक अपराध निषेध अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
एक भी मुस्लिम को नहीं हुई सजा
ऑल माइनॉरिटी अलायंस के अध्यक्ष अकमल भट्टी ने कहा कि एक साल बीत जाने के बावजूद जरनवाला में ईसाईयों के घरों और प्रार्थना स्थलों को आग के हवाले करने वाले एक भी व्यक्ति (मुस्लिम) को सजा नहीं हुई है. अकमल भट्टी ने कहा कि मुश्किल से 12 मुस्लिम इस समय मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं और बाकी को यह तो आरोप मुक्त कर दिया गया है या उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया. वहीं, इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार ने बड़े-बड़े दावे करते हुए कहा था कि चर्चों और ईसाई घरों को जलाने में शामिल एक भी संदिग्ध को नहीं बख्शा जाएगा.