धर्म और खेल में किसी एक को चुनने पर मजबूर… पेरिस ओलंपिक में मुस्लिम महिला एथलीट्स का हिजाब को लेकर विवाद

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Paris Olympics 2024 : इस समय फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलंपिक 2024 चल रहा है. इसी बीच यहां हिजाब को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. क्‍योंकि मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि फ्रांस के हिजाब कानून के चलते वहां महिला एथलीट्स को हिजाब पहनकर खेलने से रोका जा रहा है. दरअसल, इस बार ओलंपिक में अन्य देशों की मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर खेल रही हैं, लेकिन फ्रांस की एथलीट्स को हिजाब छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.

ऐसे में फ्रांस में रहने वाली 24 साल की बास्केटबॉल खिलाड़ी दायबा कोनाटे ने कहा कि ओलंपिक के उद्घाटन में काफी विविधता दिखी. हालांकि साल 2017 में इंटरनेशनल बास्केटबॉल फेडरेशन ने हिजाब पहनकर खेलने पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था, मगर फ्रांस के बास्केटबॉल फेडरेशन ने अपने प्रतिबंध को हटाने से इनकार कर दिया, जिससे अब फ्रांस में खिलाड़ियों के साथ-साथ कोच और रेफरी को भी हिजाब पहनने से रोका जा रहा है.

फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता की नीति

वहीं, फ्रांस के बास्केटबॉल फेडरेशन का कहना है कि यह फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता की नीति को दर्शाता है. यहां सार्वजनिक जगहों पर लोगों को धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक है. इसके अलावा, एक महिला खिलाड़ी ने कहा, एक अच्छी खिलाड़ी होने के बावजूद उन्हें हि‍जाब के प्रतिबंध ने ओलंपिक में खेलने नहीं दिया गया. कोनाटे ने कहा कि इस स्थिति में होना हताश करने वाला है, मैं नहीं जानती कि क्या करना है. लेकिन स्वीकार करना मेरे लिए मुश्किल है क्‍योंकि मैं लंबे समय से बास्केटबॉल खेलना चाहती हूं और मैं नहीं चाहती कि मैं इसे अभी ही छोड़ दूं.

हिजाब छोड़ना विकल्प नहीं है

उन्होंने कहा कि वो हिजाब को कभी नहीं उतारेंगी, क्योंकि यह उनके जीवन का हिस्सा है, वहीं, हिजाब छोड़ना ऑप्‍शन नहीं है. इसके साथ ही उन्‍होंने दूसरे देश में खेलने के सवाल पर कहा कि मेरा मानना है कि खेलने के लिए मुझे कहीं और जाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. मैं अपने परिवार के साथ पेरिस में ही रहना चाहती हूं.

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