महाशिवरात्रि पर पशुपतिनाथ मंदिर में दस लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद, स्वागत के लिए तैयार नेपाल

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Pashupatinath Temple: हिन्‍दू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद ही खास महत्‍व होता है. इस दिन सभी शिवालयों में शिवभक्‍तों का तांता लगा रहता है. खास बात ये है कि महाशिवरात्रि का पर्व केवल देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खास होता है. ऐसे में नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर करीब दस लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है.

दरअसल, मंदिर का प्रबंधन करने वाले पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर करीब 4,000 साधु और हजारों की संख्या में श्रद्धालु बागमती नदी के तट पर स्थित पांचवीं शताब्दी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए काठमांडू पहुंच रहे हैं.

महाशिवरात्रि की पूरी हुई तैयारियां

बता दें कि महाशिवरात्रि को भगवान शिव के जन्म के दिन के रूप में जाना जाता है. साथ ही ये भी कहा जाता है कि इसी दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह भी हुआ था. ऐसे में पशुपति ट्रस्ट की प्रवक्ता रेवती अधिकारी ने बताया कि इस भव्य अवसर के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं.

कब खुलेगा पशुपतिनाथ मंदिर का कपाट?

रेवती ने बता कि महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पशुपतिनाथ मंदिर तड़के दो बजकर 15 मिनट पर खुलेगा और श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के चारों द्वारों से शिवलिंग के दर्शन की व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं, इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए कुल 10,000 सुरक्षाकर्मी और 5,000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे. साथ ही उन्‍होंने ये भी बताया कि

इन चीजों पर लगा प्रतिबंध

अधिकारियों ने बताया कि इस पावन पर्व के मौके पर काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने मंदिर के आसपास शराब, मांस और मछली के उत्पादन, बिक्री, उपभोग और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नोटिस जारी किया है, जिसके तहत पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र में और उसके आसपास सोमवार से बृहस्पतिवार तक शराब, मांस और मछली पर प्रतिबंध रहेगा.

नियमों के उल्‍लंघन पर होगी कार्रवाई

इतना ही नहीं, नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को दंडित किया जाएगा. हिमालय को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और नेपाल में शैवों की एक बड़ी संख्या है, जिनके मुख्य देवता भगवान शिव हैं.

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