Bangladesh News: हिंसाग्रस्त बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. इस नई सरकार की कमान नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस के हाथों में है. गुरुवार को मोहम्मद यूनुस ने पीएम पद की शपथ ली. उन्होंने राजधानी ढाका में स्थित सरकारी आवास में पीएम पद की शपथ ली. पीएम यूनुस के साथ-साथ 16 अन्य सहयोगियों ने भी शपथ ली है.
इस बीच मोहम्मद यूनुस के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते ही, कुछ ऐसा हुआ जो शायद उन्होंने सोचा भी नहीं रहा होगा. पीएम बनते ही मोहम्मद यूनुस के पास 50 से अधिक पत्र आ गए. पश्चिम बंगाल के 50 से अधिक लोगों ने बांग्लादेश के नए पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखा है और उनसे समाज के सभी वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की.
पत्र में क्या लिखा गया?
गौरतलब है कि बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से हालात सामान्य नहीं है. देश में आंदोलन के चलते हालात काफी बिगड़ गए थे, जिस दौरान हिन्दू लोगों के घर भी तोड़े गए, लूटपाट की गई और आग तक लगा दी गई. इसके बाद बांग्लादेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई. जिसको लेकर ही पत्र लिखा गया है. इस पत्र में बंगाल के लोगों ने लिखा कि वैसे तो बांग्लादेश के लोग तय करेंगे कि देश में किस तरह का राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व आएगा, लेकिन हम प्रशासन और बांग्लादेश के आम लोगों, खासकर छात्र, जो आरक्षण विरोधी और भेदभाव विरोधी आंदोलन के जरिए यह बदलाव लेकर आये हैं, उनसे अपील करते हैं कि वे हर बांग्लादेशी नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करें, चाहे उसका धर्म, राजनीतिक संबंध और पेशा कुछ भी हो.
अल्पसंख्यकों पर हमले की चिंता
बंगाल के लोगों ने जो पत्र बांग्लादेश के पीएम यूनुस को लिखा है उसमें अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता जताई गई है. पत्र में लिखा गया है कि बांग्लादेश में जिस तरह के हालात हैं और जो कुछ हुआ हम उससे काफी चिंतित हैं. बांग्लादेश पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए सिर्फ जगह के हिसाब से एक पड़ोसी देश नहीं है, बल्कि दिल से भी पड़ोसी है, क्योंकि हमारी भाषा, संस्कृति और इतिहास एक है.
बता दें कि इस पत्र पर जिन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं उनमें फिल्म निर्माता अपर्णा सेन, पवित्रा सरकार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अशोक गांगुली भी शामिल हैं.
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