9/11 हमले में फोटो जर्नलिस्ट बिगार्ट ने लगा दी जान की बाजी, खींची थी भयावह तस्वीर, इंटरनेट पर हो रही वायरल

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

9/11 Attack: 11 सितंबर 2001 का दिन इतिहास का वह काला दिन है, जिसने अमेरिका ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया. इस दिन अमेरिका में दुनिया का सबसे बड़ा हमला हुआ था. आज, बुधवार को इस विनाशकारी आतंकवादी हमले की 23वीं वर्षगांठ है. इतने साल बीत जाने के बाद भी उस दिन की भयावहता लोगों के दिलां में ताजा है. अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर के प्रतिष्ठित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 2001 में हुए हमले के दूरगामी वैश्विक परिणाम देखने को मिले.

इस घटना ने न सिर्फ हजारों लोगों की जान ले ली, बल्कि दुनिया को आतंकवाद के खतरों से भी वाकिफ करा दिया. इस डरावने घटना से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसे फोटो जर्नलिस्ट बिल बिगार्ट ने अपने कैमरे में कैद किया था. इस घटना में बिल बिगार्ट की भी मौत हो गई.

बिगार्ट ने ली ढहते इमारत की तस्‍वीर  

इस हमले का मास्टर माइंड अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन था. 11 सितंबर 2001 को 19 आतंकवादियों ने अमेरिका के 4 यात्री विमानों को हाईजैक किया था. एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 9/11 के दुर्भाग्यपूर्ण घटना में पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में ट्विन्स टावर्स क्षतिग्रस्त हो गए थे. इस हमले में करीब 3000 लोगों मारे गए थे. इस भयावह हमले को प्रत्यक्ष रूप से फोटो जर्नलिस्ट बिल बिगार्ट ने भी देखा था. अराजकता और विनाश को बहादुरी के साथ कवर करते हुए, बिल बिगार्ट ने ट्विन्स टॉवर के ढहते अवशेषों की एक फोटो कैद की. दुखद रूप से यह फोटो बिगार्ट की आखिरी फ्रेम साबित हुई.

आखिरी समय में बिगार्ट की पत्नी ने किया था फोन

अमेरिका में अनुभवी प्रेस फोटोग्राफर बिगार्ट घरेलू और इंटरनेशलन लेवल पर संघर्ष और सामाजिक आंदोलनों को कैद करने के अपने जुनून के लिए जाने जाते थे. उनका काम अक्सर उन्हें खतरनाक स्थितियों में ले जाता था, जहां वे निडर होकर युद्ध और अन्याय की वास्तविकताओं का दस्तावेजीकरण करते थे. पेटापिक्सल ने बताया कि हमले के दौरान बिगार्ट की पत्नी ने उन्हें उनके सेलफोन पर कॉल करके बताया कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि आतंकी हमला है. उन्होंने पत्नी को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘मैं ठीक हूं और फायरमैन के साथ हूं.’

 

दोनों टॉवरों के पास पहुंच गए थे बिगार्ट

फोटोग्राफर बोलिवर अरेलानो, जो इस भयावह घटना को कवर कर रहे थे, उन्होंने अपने सहकर्मी बिल बिगार्ट को घटनास्थल पर देखा था. अरेलानो ने बताया कि बिगार्ट किसी भी अन्य फोटोग्राफर के मुकाबले टावरों के अधिक करीब थे और कई अग्निशामकों की तुलना में भी अधिक करीब थे. सुबह 10:28:22 बजे विशाल उत्तरी टॉवर धराशायी हो गया. सुबह 10:28:24 बजे, बिल बिगार्ट ने उत्तरी टॉवर के बचे आधार के साथ ही दक्षिण टॉवर के खंडहरों की एक शानदार तस्वीर खींची. यह दृश्य औद्योगिक विकास को उदास कर देने वाला था, जो धूल और धुएं से खंडित हो गया था.

मलबे में दबे में बिल बिगार्ड

लोगों का मानना है कि घटना के समय बिल बिगार्ट अपने कैनन डी30 के व्यूफाइंडर से देख रहे थे, तभी 5 लाख टन कांच, कंक्रीट और स्टील अचानक 120 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उनके ऊपर आ गिरे. इस त्रासदी के चार दिन बाद, रेस्‍क्‍यू टीम ने बिगार्ट के शव को मलबे के नीचे से बरामद किया, जो कभी वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर हुआ करता था. इस हमले में फोटो जर्नलिस्ट बिगार्ट इकलौता पेशेवर फोटो जर्नलिस्ट थे, जिनकी मौत हुई.

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