Piyush Goyal: भारत और कतर के बीच मंगलवार को दो एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ. इस अवसर पर भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हम भारत और कतर के बीच ऊर्जा व्यापार के प्रति झुकाव देखते आए हैं. वहीं, अन्य उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
भारतीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि “अब हम एक नए भविष्य की ओर देख रहे हैं, जहां हम ऊर्जा को अपने व्यापार का आधार बनाने से हटकर नए युग की प्रौद्योगिकियों की ओर बढ़ेंगे, चाहे वह आर्टिफिशियल (एआई) हो, ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (IOT) हो, क्वांटम कंप्यूटिंग हो या सेमीकंडक्टर हो.”
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और कतर के बीच व्यापार संबंधों का परिवर्तन तीन स्तंभों पर आधारित होगा- स्थिरता, उद्यमिता और ऊर्जा. उन्होंने कतर के व्यवसायों को भारत में निवेश के अवसर तलाशने के लिए भी आमंत्रित किया.
“FTA के लिए GCC के साथ कर रहे चर्चा”
उन्होंने आगे बताया कि कतर नेशनल बैंक गुजरात के ‘गिफ्ट’ सिटी में एक कार्यालय स्थापित करके भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है. वहीं, कतर के साथ व्यापार समझौते की संभावना के एक सवाल पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि “हमेशा हर प्रकार की चर्चा होती है. हम मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के साथ चर्चा कर रहे हैं. अक्सर जीसीसी के कई देशों ने भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते करने के लिए भी चर्चा की है. हम दोनों के लिए खुले हैं.”
चिंता की कोई बात नहीं
बता दें कि जीसीसी के छह सदस्य देश है- बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) हैं. वहीं, भारत का पहले से ही यूएई के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) है, जबकि ओमान के साथ इसी तरह के समझौते के लिए बातचीत अंतिम चरण में है. इसके अलावा, रुपये के अवमूल्यन पर मंत्री ने कहा कि उभरते बाजारों में भारत की मुद्रा अच्छा प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा कि “भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है. इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.”
दोनों देशों के बीच दो एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर
मालूम हो कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी और वाणिज्य मंत्री एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत दौरे पर है. ऐसे में दोनों देशों के बीच दो एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ, जिसमें पहला उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और कतर व्यवसायी संघ (QBA) के बीच है, जबकि दूसरा ‘इंवेस्ट कतर’ और ‘इंवेस्ट इंडिया’ के बीच हुआ.
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