World Governments Summit: पीएम नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय यूएई के दौरे पर हैं. उन्होंने अपने दौरे के दूसरे दिन वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट (World Governments Summit) में वैश्विक नेताओं को संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि हम 21वीं सदी में हैं. जहां एक ओर दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं.
सरकारें अनेक दायित्वों से बंधी हैं
पीएम मोदी ने कहा कि चाहें फूड सिक्योरिटी हो, हेल्थ सिक्योरिटी हो. वाटर सिक्योरिटी हो, एनर्जी सिक्योरिटी हो, एजुकेशन सिक्योरिटी हो और समाज को इनक्लूसिव बनाना हो. हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है.
आम लोगों के जीवन में सरकार का दखल हो कम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े. मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों, जो सबको साथ लेकर चलें. उन्होंने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए. बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की जिंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है.
#WATCH | At the World Governments Summit in Dubai, PM Modi says,"…I believe that it is the job of the government to ensure that government interference in people's lives is minimal…My biggest principle has been 'Minimum government, maximum governance'. I have always… pic.twitter.com/IVKDwm3KIc
— ANI (@ANI) February 14, 2024
हम सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चल रहे
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हम Last Mile Delivery और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं. सैचुरेशन की अप्रोच यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी ना छूटे, सरकार खुद उस तक पहुंचे. गवर्नेंस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है.
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