क्वाड सम्मेलन से उड़ी चीन की नींद, समंदर में नहीं चलेगी चालबाजी

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

PM Modi in Quad Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन की अमेरिका यात्रा के लिए आज रवाना हो गए हैं, जहां पर वह क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. पीएम मोदी इस क्वाड सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे. इसी के साथ वह संयुक्त राष्ट्र की चर्चा मेंं हिस्सा लेंगे.

पीएम मोदी की आधिकारिक अमेरिकी यात्रा से पहले व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है. इस बयान के अनुसार QUAD समिट में इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) का दक्षिण पूर्व एशिया से भारतीय महासागर क्षेत्र तक विस्तार करने की योजना है.

बयान में आगे कहा गया है कि इसका अधिकारिक ऐलान शनिवार को विलमिंगटन, डेलावेयर में होने वाली QUAD लीडरशिप समिट में किया जाएगा. पीएम मोदी की इस यात्रा के प्रमुख मुद्दे इंडो पैसिफिक में क्षेत्रीय स्थिरता, यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्ष हैं.

जानकारी दें कि इस समय इंडो-पैसिफिक पार्टनरशिप फॉर मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस का मुख्य मकसद समुद्र में अवैध गतिवधियों पर नजर रखना है. इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि IPMDA के विस्तार के साथ इसमें नई एडवांस तकनीकों को शामिल किया जाएगा. इसके तहत ही समुद्र में होने वाली अवैध गतिविधियों में नजर रखने में मदद मिलेगी. वहीं, एक नए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत भी की जाएगी.

देशों में बढ़ेगा सहयोग

क्वाड में शामिल देशों और भारत के बीच IPMDA के विस्तार के बाद किसी भी आपदा के समय तेजी से प्रतिक्रिया देने और बचाव कार्य में मदद मिलेगी. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि चारों देश साथ मिलके इस दिशा में अगले साल कुछ नए प्रोग्रामों की शुरुआत करेंगे. इसके अलावा QUAD देशों के बीच लॉजिस्टिक्स सहयोग को भी बढ़ाया जाएगा.

जानिए कहां हो रहा यह सम्मेलन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की यात्रा विलमिंगटन, डेलावेयर में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने से शुरू होगी. क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ इंडो-पैसिफिक में क्षेत्रीय सुरक्षा और सहयोग पर चर्चा करेंगे. वहीं, पीएम मोदी की दूसरे क्वाड नेताओं के साथ भी अलग से द्विपक्षीय बैठकें प्रस्तावित हैं. जिसमें मुख्य मुद्दा प्रौद्योगिकी सहयोग और यूक्रेन के हालातों को लेकर है, जिसपर चर्चा की जानी है.

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