Russia Ukraine War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद रूसी सेना में फंसे 45 भारतीयों को मुक्त करा लिया गया है. वहीं, भारत सरकार द्वारा 50 अन्य भारतीय लोगों को भी वापस लाने का प्रयास जारी है. उम्मीद है कि इन्हें भी जल्द वापस लाया जाएगा.
दरअसल, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि 45 भारतीयों को रूसी सेना से कार्य मुक्त किया जा चुका है और जल्द ही लगभग 50 अन्य लोगों को भी स्वदेश वापस लाने के प्रयास जारी हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 45 भारतीयों में से 35 को जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष मुद्दा उठाए जाने के बाद कार्य मुक्त किया गया है.
पीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि रूसी सेना में भर्ती भारतीयों के चलते भारत-रूस के रिश्तों में कड़वाहट आ रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई में मास्को में रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी वार्ता के दौरान रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों को शीघ्र कार्य मुक्त करने के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था. इसके बाद रूस के राष्ट्रपति ने अपने सेनाधिकारियों को आदेश देकर इस कार्य को जल्द पूरा करने के लिए कहा था. जिसके बाद अब 45 भारतीयों को मुक्त करा लिया गया है.
जानिए कैसे पहुंची पीएम मोदी तक बात
ज्ञात हो कि भारतीय नौजवानों को कबूतरबाजों ने रूस में अच्छी नौकरी का ऑफर देकर वहां ले गए थे, इसके बाद उन्हें रूसी सेना में भर्ती करा दिया, जहां वह यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ रहे थे. कई भारतीय सैनिकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपना दर्द बयां किया. जिसके बाद यह मुद्दा पीएम मोदी तक पहुंचा. इसके बाद पीएम मोदी ने इन्हें मुक्त कराने की कोशिश की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दो दिन पहले छह भारतीय वापस आ गए और कई अन्य जल्द ही स्वदेश लौटेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘50 से अधिक भारतीय नागरिक अब भी रूसी सेना में कार्यरत हैं, जिनके लिए हम यथासंभव उन्हें कार्य मुक्त कराने का प्रयास कर रहे हैं.”