PM Modi Laos Visit: पीएम मोदी ने लाओस में देखी रामलीला, कलाकारों के साथ खिंचवाई फोटो

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

PM Modi Laos Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को आसियान-भारत, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए लाओस पहुंचे. हालांकि इस समय नवरात्रि का सीजन है, ऐसे में उन्‍होंने वहां रामलीला का भी आनंद लिया. साथ ही कार्यक्रम के बाद उन्‍होंने कलाकारों के साथ फोटों खिंचवाई और बातचीत भी की.

खास बात ये है कि लाओस एक बौद्ध बहुसंख्यक देश है, जहां हिंदूओं की  आबादी को लेकर कोई आधिकारिक डेटा मौजूद नहीं है. वहीं, विदेश मंत्रालय का कहना है कि लाओस में रामलीला का आयोजन दोनों देशों के बीच पौराणिक सभ्यता और सदियों पुरानी विरासत के कनेक्शन को दिखाता है.

लुआंग में रामायण कार्यक्रम का आयोजन

लाओस के प्रमुख रॉयल थिएटर ऑफ लुआंग प्रबांग में रामायण के एक एपिसोड, फलक-फलाम का आयोजन किया गया था. लाओस में इसे ‘फरा लक फरा राम’ के नाम से भी जाना जाता है. पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिसरी और अन्य लोग लाओस पहुंचे है.

दोनों देश अपनी साझा विरासत के लिए कर रहे काम

इस दौरान विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि लाओस में भारतीय सभ्यता और परंपरा से जुड़े कई चीजों का सदियों से पालन और संरक्षण किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि दोनों देश अपनी साझा विरासत के लिए काम कर रहे हैं.

बता दें कि रामायण से पहले पीएम मोदी ने वियंतियाने श्री साकेत मंदिर में बैद्ध संतों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इसके बाद पीएम मोदी 21वें आसियान-भारत शिखर सम्‍मेलन और 19वें पूर्वी एशिया सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे.

कब हुई थी आसियान की स्‍थापना?

बता दें कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) की स्थापना 1967 में हुई थी. इसके सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, भारत, वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और ब्रुनेई दारस्सलाम शामिल हैं. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आसियान के 10 सदस्य देश और आठ साझेदार देश- ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और अमेरिका शामिल हो रहे हैं. वहीं, तिमोर-लेस्ते को ईएएस में पर्यवेक्षक का दर्जा मिला है. जबकि वर्तमान मं लाओस आसियान का अध्यक्ष है.

यह भी पढ़ें:- Middle East Conflict: बदला लेने की धमकी देने वाला ईरान करने लगा युद्ध रोकने की बात, क्या है इसके पीछे का राज?

More Articles Like This

Exit mobile version