एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता का हम करे हैं सम्मान, लाओस में आसियान शिखर सम्मेलन में बोले पीएम

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

PM Modi Laos Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय लाओस की यात्रा पर हैं. यहां पर पीएम मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस समय पीएम मोदी लाओस की राजधानी में हैं. लाओस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया. बता दें कि पीएम मोदी जब होटल पहुंचे तो लाओस समुदाय के लोगों ने वियनतियाने के होटल डबल ट्री में प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए हिंदी में अभिवादन किया.

यहां पर प्रधानमंत्री मोदी ने वियनतियाने में लाओस के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में हिस्सा लिया.

लाओस के वियनतियाने में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हम शांति प्रिय देश हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं, हम अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं. मेरा मानना ​​है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है, तब भारत और आसियान की मित्रता, सहयोग, संवाद और सहकारिता बहुत महत्वपूर्ण है.

जानिए क्या बोले पीएम मोदी

लाओस के वियनतियाने में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत की सात आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी है और जल्द ही ब्रुनेई के साथ भी सीधी उड़ानें शुरू होंगी. हमने तिमोर-लेस्ते में एक नया दूतावास खोला है. जन-केंद्रित दृष्टिकोण हमारी विकास साझेदारी का आधार है. नालंदा विश्वविद्यालय में 300 से अधिक आसियान छात्रों को छात्रवृत्ति का लाभ मिला है. विश्वविद्यालयों का नेटवर्क लॉन्च किया गया है. लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार, इंडोनेशिया में साझा विरासत और धरोहर को संरक्षित करने का प्रयास किया गया है. चाहे वह कोविड महामारी हो या प्राकृतिक आपदा, हमने एक-दूसरे की मदद की है. विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी कोष, डिजिटल कोष और ग्रीन फंड की स्थापना की गई है और भारत ने इनमें 30 मिलियन डॉलर से अधिक का योगदान दिया है.

मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की: PM

लाओस के वियनतियाने में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैंने भारत की एक्ट-ईस्ट नीति की घोषणा की थी. पिछले दशक में इस नीति ने भारत और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊर्जा, दिशा और गति दी है. आसियान को प्रमुखता देते हुए 1991 में हमने इंडो-पैसिफिक महासागर पहल की शुरुआत की. यह इंडो-पैसिफिक पर आसियान आउटलुक का पूरक है. पिछले साल क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए समुद्री अभ्यास शुरू किए गए थे. पिछले 10 वर्षों में आसियान क्षेत्र के साथ हमारा व्यापार लगभग दोगुना होकर 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है. आज भारत की 7 आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी है और जल्द ही ब्रुनेई के साथ भी सीधी उड़ानें शुरू होंगी. हमने तिमोर लेस्ते में नए वाणिज्य दूतावास खोले हैं. सिंगापुर आसियान क्षेत्र का पहला देश था जिसके साथ हमने फिनटेक कनेक्टिविटी स्थापित की और अब इसे अन्य देशों में भी दोहराया जा रहा है.

Latest News

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका और ब्रिटेन को दी धमकी, जानिए क्‍या कहा…

Putin on ICBM: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अब अमेरिका और ब्रिटेन की सैन्य सुविधाओं को...

More Articles Like This

Exit mobile version