ब्रुनेई और सिंगापुर की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार रात को स्वदेश लौट आए हैं. पीएम मोदी ने यात्रा के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के साथ ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत बनाने, साझेदारी मजबूत करने और दो दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से निवेश आकर्षित करने पर व्यापक चर्चा की.
दिल्ली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
VIDEO | PM Modi (@narendramodi) arrives in New Delhi after concluding his two-nation visit to Brunei and Singapore. pic.twitter.com/4cozVF9b2e
— Press Trust of India (@PTI_News) September 5, 2024
‘सार्थक रही यात्रा’
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, उनकी सिंगापुर यात्रा ‘‘अत्यंत सार्थक’’ रही. पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह निश्चित रूप से द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देगी और हमारे देशों के लोगों को लाभान्वित करेगी. मैं सिंगापुर की सरकार और लोगों को उनकी गर्मजोशी के लिए धन्यवाद देता हूं.
My visit to Singapore has been a very fruitful one. It will certainly add vigour to bilateral ties and benefit the people of our nations. I thank the government and people of Singapore for their warmth. pic.twitter.com/hx0DVl71WX
— Narendra Modi (@narendramodi) September 5, 2024
सिंगापुर की उनकी 5वीं आधिकारिक यात्रा
बमा दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर के अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर यहां आए थे. जानकारी के मुताबिक, यह सिंगापुर की उनकी 5वीं आधिकारिक यात्रा थी. उनकी दो दिवसीय सिंगापुर यात्रा के साथ ही दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का दायरा ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ तक बढ़ाते हुए सेमीकंडक्टर में सहयोग समेत चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. इससे पहले दिन में, पीएम मोदी ने वोंग से मुलाकात की और इस दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों में मजबूत प्रगति का जायजा लिया.
पीएम मोदी ब्रुनेई के बाद पहुंचे थे सिंगापुर
पीएम मोदी ब्रुनेई की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा समाप्त करने के बाद सिंगापुर पहुंचे थे. उनके साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अन्य सरकारी अधिकारी भी थे. ब्रुनेई में प्रधानमंत्री मोदी ने सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान रक्षा, व्यापार और ऊर्जा समेत अन्य विषयों पर चर्चा की गई तथा साथ ही पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया.