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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत दौरे पर हैं. वह शनिवार को यहां पहुंचे. उनका भव्य स्वागत किया गया. पीएम मोदी के लिए विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासी हमेशा विशेष महत्व रखते हैं और कुवैत में भारतीयों की एक बड़ी संख्या है. कुवैत में करीब 1 मिलियन भारतीय रहते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं. पीएम मोदी ने कुवैत की अपनी यात्रा के पहले कार्यक्रम के रूप में यहां के मीना अब्दुल्ला क्षेत्र में लेबर कैंप यानी श्रमिक शिविर का दौरा किया. जहां करीब 1500 भारतीय नागरिकों के कामगार मौजूद हैं. पीएम मोदी ने भारत के अलग-अलग राज्यों से आए भारतीय कामगारों से मुलाकात और बातचीत की. साथ ही उनका हालचाल जाना.
श्रमिकों के आवासीय परिसर का दौरा
पीएम मोदी ने 2016 में सऊदी अरब के रियाद में एल एंड टी श्रमिकों के आवासीय परिसर का दौरा किया था. उसी वर्ष उन्होंने रियाद में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के सभी महिला आईटी और आईटीईएस केंद्र का भी दौरा किया था. इसके अलावा, पीएम मोदी ने 2016 में कतर के एक श्रमिक शिविर का भी दौरा किया था और 2015 में अबू धाबी में एक श्रमिक शिविर में जाकर भारतीय प्रवासी श्रमिकों की भलाई पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने श्रमिकों से उनकी समस्याओं के बारे में बात की और यह जानने की कोशिश की कि भारतीय सरकार उनकी मदद के लिए क्या कदम उठा सकती है.
प्रधानमंत्री मोदी प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए निरंतर कर रहे प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा और कानूनी प्रवासन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं. इस संदर्भ में, 2014 में लॉन्च किया गया ई-माइग्रेट प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण पहल है, जो भारतीयों के रोजगार के लिए विदेश जाने की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाने के लिए है. यह प्रणाली ऑनलाइन पासपोर्ट सत्यापन, बीमा योजनाओं, और शिपिंग विभाग के साथ एकीकृत की गई है, जिससे प्रवासन की प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और प्रभावी हो गई है.
भारत में खोले गए 16 कार्यालय
मोदी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए विदेश रोजगार और प्रवासी रक्षा महाप्रबंधक कार्यालय को मजबूत किया है, जो ईसीआर (ईमिग्रेशन क्लीयरेंस आवश्यक) पासपोर्ट वाले व्यक्तियों के विदेश जाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करता है. इसके तहत भारत में 16 कार्यालय खोले गए हैं. प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र, जो प्रवासी श्रमिकों की शिकायतों का निवारण करता है और प्रवासन के बारे में जानकारी प्रदान करता है, को भी मोदी सरकार ने मजबूत किया है. इसके अतिरिक्त, पांच क्षेत्रीय प्रवासी सहायता केंद्र लखनऊ, हैदराबाद, चेन्नई, पटना और कोच्चि में स्थापित किए गए हैं, जो प्रवासी श्रमिकों की शिकायतों का समाधान करते हैं.
पीएम मोदी ने विदेशों में स्थिति सुधारने के लिए किया काम
पीएम मोदी ने भारतीय श्रमिकों की विदेशों में स्थिति सुधारने के लिए भी काम किया है. इस वर्ष, पीएम मोदी ने यूएई में भारतीय श्रमिकों के लिए अस्पताल बनाने हेतु दुबई में भूमि दिए जाने की घोषणा की थी. इस साल कुवैत में हुई आग दुर्घटना में 40 से अधिक भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. पीएम मोदी ने समीक्षा बैठक आयोजित की और मृतकों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
भारत और कुवैत के बीच 2021 में MoU पर किए गए थे हस्ताक्षर
भारत और कुवैत के बीच 2021 में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो कुवैत में भारतीय घरेलू श्रमिकों की भलाई और अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. इस समझौते ने श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच एक उचित और संतुलित संबंध स्थापित किया, जो श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और स्थानीय कानूनों का पालन सुनिश्चित करता है. यह प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो कुवैत में भारतीय श्रमिकों के कल्याण और सम्मानजनक कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं.
2016 में, प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और भारतीय प्रवासियों की स्थिति पर चर्चा की. कतर ने आश्वासन दिया कि श्रमिक सुधार भारतीय प्रवासियों के लिए स्थिति में सुधार करेंगे. पीएम मोदी के प्रवासी भारतीयों की देखभाल के दृष्टिकोण के तहत, भारत ने खाड़ी देशों में अपने श्रमिकों के लिए बेहतर वेतन की मांग को लेकर एक अभियान भी शुरू किया. भारतीय राजनयिकों ने उच्च जीवन स्तर के कारण अपने श्रमिकों के लिए अनुशंसित न्यूनतम वेतन बढ़ाने की मांग की थी.