PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में हो रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो गए हैं. दो दिवसीय इस सम्मेलन में अगर पूरी दुनिया की किसी पर नजर है तो वो हैं तीन देश. इनमें भारत, चीन और रूस शामिल हैं. अपनी यात्रा से पहले पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के संबंध और ज्यादा मजबूत होंगे. आइए जानते हैं इस सम्मेलन में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होनी है.
दरअसल, रूस के कजान शहर में 16वें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस दौरान पीएम मोदी रूस की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को आमंत्रित किया है. इस दौरान पीएम मोदी कई देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. पीएम मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने रूस जा रहे हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि रूस में शी जिनपिंग और पीएम मोदी की मुलाकात हो सकती है.
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का प्रमुख विषय ‘न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है. इस विषय पर आयोजित होने वाला यह शिखर सम्मेलन नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा. अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के कज़ान में ब्रिक्स सदस्य देशों के अपने समकक्षों और आमंत्रित नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी उम्मीद है
ये है कार्यक्रम का शेड्यूल
पीएम मोदी 22-23 अक्टूबर को रूस में रहेंगे. विदेश मंत्रालय पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक पर काम कर रहा है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विवरण साझा करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ नए सदस्य भी भाग लेंगे. शिखर सम्मेलन 22 अक्टूबर को शुरू होगा और पहले दिन शाम को नेताओं के लिए रात्रिभोज होगा.
शिखर सम्मेलन का मुख्य दिन 23 अक्टूबर (बुधवार) है. इस दिन दो मुख्य सत्र होंगे. सुबह एक क्लोज कंपलीट सत्र और उसके बाद दोपहर में एक ओपन कंपलीट सत्र होगा. जो 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय पर चर्चा होगी.
भारत चीन के बीच बनी सहमति
ब्रिक्स सम्मेलन से पहले भारत और चीन के बीच सहमति बन गई है. साल 2020 से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए नई पहल की गई है. बताया जा रहा है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 52 महीनों से चल रहा सीमा तनाव सुलझ गया है. दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर चली कवायद के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैन्य तनाव घटाने पर सहमति बन गई है.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हुई घटनाओं के बाद से हम चीनी पक्ष के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर लगातार संपर्क में थे. डब्ल्यूएमसीसी और सैन्य कमांडर स्तर पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हुई है.
ब्रिक्स में ये नेता होंगे शामिल
- शी जिनपिंग- चीन
- नरेंद्र मोदी- भारत
- लूला दा सिल्वा- ब्राजील
- सिरिल रामाफोसा- साउथ अफ्रीका
- मसूद पेजेशकियान- ईरान
- मोहम्मद बिन जायद- UAE
- अब्देल फतह अल-सिसी- मिस्र
- अबी अहमद अली- इथियोपिया
- रेचेप तैय्यप अर्दोआन- तुर्किए
- अलेक्जेंडर लुकाशेंको- बेलारूस
- निकोल पशिन्यान- आर्मेनिया
- कासिम टोकायेव- कजाखस्तान
- उखनागीन खुरेलसुख- मंगोलिया
- लुइस आर्से कैटाकोरा – बोलीविया
- डेनिस सासौ न्गुएस्सो – कांगो
- थोंग्लोन सिसोउलिथ- लाओस