New PM Of Nepal: नेपाल की सत्ता बदलने जा रही है. नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ शुक्रवार को संसद में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाए. वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है. पिछले सप्ताह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने नेपाल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया. जिसके चलते पीएम प्रचंड ने संसद में अपना विश्वासमत खो दिया.
दरअसल, सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के समक्ष 165 सांसदों के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा पेश किया. इन सांसदों में उनकी पार्टी के 77 और नेपाली कांग्रेस के 88 सांसद शामिल हैं. ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
गठबंधन ने किया ओली का समर्थन
ज्ञात हो कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-माओइस्ट सेंटर (सीपीएन-एमसी) के अध्यक्ष प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को पद संभालने के बाद चार बार विश्वासमत हासिल करने में सफल रहे, लेकिन इस बार उन्होंने विश्वासमत खो दिया. इससे नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के लिए नई गठबंधन सरकार बनाने का मार्ग प्रशस्त हो गया. गठबंधन इस बात पर सहमत हुआ है कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के.पी. ओली नए प्रधानमंत्री होंगे. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पहले ही अगले प्रधानमंत्री के रूप में के.पी. ओली का समर्थन कर चुके हैं.
जानिए किसके पास कितनी सीटें
वर्तमान में नेपाली कांग्रेस के पास सदन में 89 सीटें हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं. उनकी संयुक्त ताकत 167 है जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 सीटों से कहीं बहुत ज़्यादा है. वहीं, प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के पास मात्र 32 सीटें ही हैं.
बता दें कि नेपाल की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े. नेपाल में विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत होती है. ऐसे में पीएम प्रचंड को अपना विश्वास मत खोना पड़ा.