पाकिस्तान में सभी सरकारी कंपनियों के निजीकरण की तैयारी, पीएम शहबाज का बड़ा ऐलान!

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Pakistan News: पाकिस्तान अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के शासन में देश को क्या क्या दिन देखने पड़ रहे हैं ये किसी से छिपा नहीं. अब अपनी तंगहाली से निपटने के लिए शहबाज शरीफ एक बड़ा फैसला लेने जा रहे हैं. चूकी सरकार के पास पैसे नहीं है. ये बात अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी मान लिया है.

अब स्थिति ये है कि पाकिस्तान की सभी सरकारी कंपनियां प्राइवेट हाथों में बिकने को तैयार हैं. बताया जा रहा है कि इसकी शुरुआत पाकिस्तान एयरलाइंस से होगी. पाक के पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि किसी भी देश की सरकार का काम व्यापार करना नहीं होता है.

सरकारी कंपनियों के निजीकरण की तैयारी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों के निजीकरण प्रक्रिया को लेकर एक समीक्षा बैठक की. इस समीक्षा बैठक में पीएम शहबाज शरीफ ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी कंपनी चाहें वो घाटे में हो या फिर फायदे में चल रही हो. सभी कंपनियों को निजीकरण से गुजरना पड़ेगा.

जानिए क्या बोले पाक पीएम

आपको बता दें कि शहबाज शरीफ ने सरकार कंपनियों के निजीकरण को लेकर कहा कि शुरुआत में केवल घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा. हालांकि रणनीतिक महत्व वाले सार्वजनिक उद्यमों को निजीकरण प्रक्रिया से बाहर रखने का फैसला किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि किसी भी सरकार का काम कारोबार करना नहीं है. शहबाज शरीफ ने कहा कि किसी भी सरकार का काम होता है कि देश में व्यापार और निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना सरकार की जिम्मेदारी है.

शरीफ के इस फैसले को लेकर अमल में लाने के लिए सभी मंत्रालयों को जरुरी कदम उठाने और निजीकरण आयोग के साथ सहयोग करने का निर्देश दे दिया गया है. प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया को पार्दशी बनाने पर उन्होंने जोर दिया. शहबाज शरीफ ने कहा कि सबसे पहले पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का निजीकरण किया जाएगा. वहीं, इससे संबंधित सभी जानकारी, बोली की जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण बातें टेलीविजन पर दी जाएं.

रिपोर्ट्स की मानें तो घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन पीआईए का निजीकरण अपने अंतिम चरण में है. पहले जानकारी सामने आई थी कि केवल पाकिस्तान में घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों का ही निजीकरण किया जाएगा. हालांकि, बाद में अब सभी कंपनियों को इसके दायरे में लाने की बात फाइनल हुई है.

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