Trump के सत्ता संभालने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध ले सकता है कोई नया मोड़, अमेरिकी हथियारों को लेकर ट्रंप ने बाइडन के फैसले को बताया “मूर्खतापूर्ण”

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

President Trump: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को देश की बागड़ोर में अपने हाथों में लेने वाले है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि ट्रंप के सत्‍ता संभालने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध कोई नया मोड़ ले सकता है. साथ ही इस मामले में वो जो बाइडन के फैसले को भी बदल सकते है. क्‍योंकि हाल ही में इस बात का संकेत देते हुए उन्‍होंने पिछले महीने बाइडेन द्वारा लिए गए निर्णय को ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ बताया.

इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी असंतोष जाहिर किया कि बाइडेन ने यह निर्णय लेने से पहले आगामी प्रशासन से कोई सलाह नहीं ली. दरअसल, रूस युद्ध के खिलाफ यूक्रेन लंबे समय से अपनी सीमा से सैकड़ों मील दूर रूसी ठिकानों पर हमला करने के लिए अमेरिकी हथियारों के इस्‍तेमाल की अनुमति चाहता था.

ट्रंप ने बाइडेन के फैसले को बताया मूर्खतापूर्ण

ऐसे में प्रतिबंधों में ढील के साथ, बाइडेन ने यूक्रेन को अमेरिका द्वारा मुहैया कराई गई ‘आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम’ का उपयोग करने की अनुमति दे दी. जिसे लेकर ट्रंप का कहना है कि ‘‘मुझे नहीं लगता कि इसकी अनुमति दी जानी चाहिए थी, खासकर उस समय जब मेरा प्रशासन काम संभालने वाला है. उन्‍होंने कहा कि इसके बारे में मैं क्‍या सोचता हूं, यह जाने बिना उन्होंने ऐसा किया. मैं उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहता. मुझे लगता है कि यह एक बड़ी गलती थी.

व्हाइट हाउस ने की ट्रंप आलोचना

वहीं, ट्रंप से जब पूछा गया कि क्‍या वो बाइडेन प्रशासन के फैसले को वापस लेने पर विचार करेंगे, तो उन्‍होंने कहा कि ‘‘हो सकता है. ’’ ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा करना बहुत मूर्खतापूर्ण बात थी. व्हाइट हाउस ने ट्रंप की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि यह निर्णय पिछले महीने के चुनाव से पहले, महीनों के विचार-विमर्श के बाद लिया गया.

व्हाइट हाउस’ के प्रवक्‍ता ने दी सफाई

‘व्हाइट हाउस’ के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बाइडन प्रशासन के ट्रंप प्रशासन के साथ समन्वय को लेकर कहा कि मैं आपको सिर्फ इतना स्पष्ट कह सकता हूं कि चुनाव के बाद से हमने उनसे विभिन्न स्तरों पर जो बातचीत की है, उसमें हमने उन्हें इसके पीछे के तर्क, मकसद, हम ऐसा क्यों कर रहे हैं, इस बारे में स्पष्ट रूप से बताया है.

इसे भी पढें:-Earthquake: दक्षिण प्रशांत महासागर में आए भयंकर भूकंप ने मचाई तबाही, 7.3 की तीव्रता से हिली धरती; पड़ोसी देश की भी बढ़ी टेंशन

More Articles Like This

Exit mobile version