दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने को लेकर राष्ट्रपति यून ने मांगी माफी, कहा…

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

South Korea: हाल ही में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-योल ने मार्शल लॉ लागू किया था. वहीं अब मार्शल लॉ लगाने के लिए यून सुक-योल ने माफी मांगी है. शनिवार को दक्षिण कोरियाई सांसद मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास को लेकर राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए मतदान करेंगे. बता दें कि राष्‍ट्रपति यून को हटाने की मांग को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन बढ़ रहे हैं.

अपने संबोधन में क्या बोले राष्ट्रपति यून?

शनिवार सुबह राष्ट्रपति यून सुक-योल ने टेलीविजन पर प्रसारित एक संक्षिप्त संबोधन में कहा कि वह मार्शल लॉ लगाने की कोशिश के लिए कानूनी या राजनीतिक जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे और उन्होंने इसे लागू करने का कोई और प्रयास ना करने का वादा किया. यून ने कहा कि वह देश में राजनीतिक भूचाल से निपटने का काम अपनी राजनीतिक पार्टी पर छोड़ेंगे. इसमें मेरे कार्यकाल से संबंधित मामले भी शामिल हैं.

अपनी ही पार्टी में घिरे राष्‍ट्रपति यून

फिलहाल, अभी यह साफ नहीं हुआ है कि विपक्षी सांसदों द्वारा पेश प्रस्ताव को यून के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए आवश्यक दो-तिहाई बहुमत मिलेगा या नहीं. लेकिन यून की अपनी पार्टी के नेता ने उनकी संवैधानिक शक्तियों को सस्‍पेंड किए जाने की मांग करते हुए उन्हें पद पर बने रहने के अयोग्य करार दिया है.

यून सुक-योल की अपनी पार्टी के नेताओं ने कहा कि वो मार्शल लॉ लाने फिर से प्रयास करने सहित ऐसे और भी कदम उठा सकते हैं. इसके बाद से महाभियोग प्रस्ताव को बहुमत मिलने की संभावना ज्‍यादा हो गई है. यून पर महाभियोग चलाने के लिए नेशनल असेंबली के 300 मेंबर्स में से 200 का समर्थन चाहिए होगा. महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले विपक्षी पार्टी के पास संयुक्त रूप से कुल 192 सीट हैं.

दक्षिण कोरिया में हुआ क्या था

जानकारी दें कि मंगलवार को राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देशभर में आपात मार्शल लॉ लगाने का ऐलान किया था. उन्होंने विपक्षी दलों पर संसद पर हावी होने, नार्थ कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और देश विरोधी गतिविधियों के साथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था.

इसके कुछ घंटों बाद, संसद ने ऐलान को निष्प्रभावी करने के लिए मतदान किया था, जिसमें नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वोन शिक ने घोषणा की थी कि सांसद लोगों के साथ मिलकर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे.

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