India Foreign Policy: नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लिए हैं. नरेंद्र मोदी के पीएम पद की शपथ के साथ ही NDA सरकार के तीसरे और नए कार्यकाल की शुरुआत हो गई है. विशेषज्ञों की मानें तो मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से दुनिया में भारत का दबदबा और अधिक बढ़ने वाला है. हिंदुस्तान अब फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका जैसे देशों के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करेगा. इसके साथ ही भारत की विदेश नीति एक नए मुकाम पर पहुंचेगी.
दुनिया में और बढ़ेगा दबदबा
दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में भारत ने विश्व के मानस पटल पर अपनी नई छवि अंकित की है. अपने दो कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के सबसे पॉपुलर लीडर रहे हैं. वहीं, अब लगातार तीसरी बार पीएम बनने के बाद उन्हें वर्ल्ड लीडर के तौर पर देखा जाने लगा है. माना जा रहा है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से भारत का दबदबा दुनिया में और बढ़ेगा.
विदेश नीति का भारत ने मनवाया लोहा
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी के तृत्व में भारत ने पूरी दुनिया के सामने अपनी विदेश नीति का लोहा मनवाया. पीएम मोदी पश्चिमी देशों में छिड़े युद्ध के बीच रूस और यूक्रेन को बातचीत के जरिये विवादों का समाधान खोजने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने रूस के राष्ट्रपति के सामने यह कहने का साहस दिखाया कि “यह युग युद्ध का नहीं है.” रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जब अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाया तो भी भारत ने यहां से कच्चा तेल खरीदना जारी रखा. वहीं, दूसरी ओर यूक्रेन के युद्ध पीड़ितों को मानवीय मदद भेजकर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की का भी दिल जीता.
दुश्मनों को लगा झटका
प्रधानमंत्री ने यूं ही नहीं भारत की विदेश नीति का लोहा मनवाया, बल्कि उनके पिछले कार्यकाल में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे दुनिया के ताकतवर देश भारत के स्ट्रैटेजिक पार्टनर बने. जिसके चलते ताकतवर देशों के साथ भारत की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप ने दुनिया में उसे नए उभरते लीडर के तौर पर पेश किया. वहीं, इससे भारत के दुश्मन देश चीन और पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा.
अमेरिका के विरोध के बावजूद ईरान से किया चाबहार समझौता
हाल ही में भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिबंधों और विरोध के बावजूद ईरान के साथ चाबहार पोर्ट का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक समझौता किया. इस समझौते के साथ ही भारत ने यूरोप और पश्चिम में जाने का अपना नया रास्ता खोज लिया. वहीं, इधर इजरायल-हमास युद्ध के दौरान पीएम नेतन्याहू के पक्ष में बोलने वाला भारत पहला देश बना. पीएम मोदी ने सबसे पहले इजरायल पर हमास के हमले को आतंकवादी बताते हुए इसकी निंदा की और बेंजामिन नेतन्याहू के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता जाहिर की.
खास बात यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों ही कार्यकाल में भारत किसी भी देश के सामने झुका नहीं. वहीं, पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करके मुंहतोड़ जवाब दिया. इसके अलावा गलवान में चीन को मुंहतोड़ जवाब देकर दुनिया के सामने ताकतवर और 21वीं सदी के भारत की मजबूत छवि पेश की. इससे दुनिया के कई देश हैरान रह गए.
दुनिया को बढ़ेगी भारत से उम्मीदें
नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बन गए हैं. मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने अभी तक अपनी छवि वैश्विक समाधानकर्ता, निराशा में आशा पैदा करने वाले देश के तौर पर बनाई है. इसके साथ ही महामारी और प्राकृतिक आपदाओं में दुनिया के पीड़ित देशों के लिए हिंदुस्तान सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ है. वहीं, मोदी के पीएम बनने से दुनिया को भारत से उम्मीदें और बढ़ेंगी. वर्तमान में दुनिया युद्ध से लेकर महामारी, खाद्य और ऊर्जा संकट, ग्लोबल वार्मिंग जैसी बड़ी समस्याओं से जूझ रही है. ऐसे में इन संकटों से निजात पाने के लिए दुनिया भारत से सहयोग लेगी.