ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतरे हजारों अमेरिकी, नौकरियों में कटौती समेत इन मुद्दों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Protests Against Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दोबारा अमेरिकी सत्‍ता की बागडोर अपने हाथों में ली है तभी से नए नए नियम-कानून बनाने और लागू करने में लगे हुए है. ऐसे में ट्रंप प्रशासन द्वारा कुछ ऐसे भी रूल्‍स बनाएं के गए है, जिसके खिलाफ देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वो जनता की बढ़ती नाराजगी को एक बड़े जमीनी आंदोलन में बदलना चाहते हैं.

दरअसल, शनिवार को हजारों लोगों ने मिलकर ट्रंप प्रशासन के नीतियों के खिलाफ रैलियां और मार्च निकाल कर विरोध किया गया. वहीं, न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और शिकागो आदि शहरों में 5 अप्रैल को हुए प्रदर्शनों के मुकाबले इस बार भीड़ कुछ कम थी.

प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप पर लगाये ये आरोप

अमेरिकी रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैक्सनविल (फ्लोरिडा) से लेकर लॉस एंजिल्स तक पूरे देश में करीब 400 रैलियों की योजना बनाई गई थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संघीय नौकरियों में कटौती, आर्थिक नीतियों और नागरिक स्वतंत्रताओं के उल्लंघन को लेकर चिंता जताई. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति पर आरोप लगाया कि वो कानून के शासन को कमजोर करने के साथ ही आम नागरिकों के अधिकारों को दबा रहे हैं.

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद से इस समूह का ये चौथा बड़ा प्रदर्शन है. इससे पहले 17 फरवरी को ‘नौ किंग्स डे’ प्रोटेस्ट हुआ था, जो काफी चर्चा में था, क्‍योंकि उस दौरान अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने सोशल मीडिया पर खुद को किंग कह दिया था.

प्रदर्शनकारियों की क्या है मांग?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप सरकार के तानाशाही जैसे रवैये से देश के लोकतंत्र को बचाया जाए. दरअसल, समूह की प्रवक्ता हीदर डन के मुताबिक, यह शांतिपूर्ण आंदोलन है किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं. इसका मकसद देश को जोड़ना और संविधान की रक्षा करना है. हीदर ने कहा कि इस आंदोलन में अलग-अलग सोच वाले लोग जैसे डेमोक्रेट, इंडिपेंडेंट और रिपब्लिकन भी साथ आ रहे हैं. सबका एक ही सपना है- एक ईमानदार सरकार जो लोगों की भलाई को सबसे पहले रखे.

किन चीजों से परेशान हैं लोग?

इसके अलावा, और भी कई सारी वजहें सामने आई है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसमें उनकी टैरिफ नीति भी शामिल है. दरअसल, ट्रंप के टैरिफ नीतियों से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है, जिससे शेयर बाजार गिरा है और बेरोजगारी बढ़ी है. सरकारी नौकरियों में छंटनी, मानवाधिकारों पर सवाल और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदी भी लोगों के गुस्से का कारण बनी हैं.

वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि राष्ट्रपति ट्रंप और एलन मस्क की नीतियां देश को खतरे में डाल सकती है. इसके अलावा, व्हाइट हाउस प्रेस पूल से प्रमुख समाचार एजेंसियों को हटाना और आप्रवासन नीतियों में बदलाव ने भी विरोध को बढ़ाया है, जिससे समाज में असंतोष बढ़ रहा है.

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