क्वाड देशों की चेतावनी से बौखलाया चीन! संयुक्त बयान को किया खारिज, दक्षिण चीन सागर को लेकर कही ये बात

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Quad countries: अमेरिका में ट्रंप सरकार के पदभार संभालने के बाद मंगलवार को वाशिंगटन में क्वाड की पहली बैठक हुई, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी को लेकर अमेरिका ने सख्त संयुक्त बयान जारी किया, जिसपर चीन भड़का हुआ है. बता दें कि क्‍वाड देशों में भारत, ऑस्‍ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल है.

दरअसल, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने क्वाड के संयुक्त बयान को खारिज कर दिया है, साथ ही दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को बिलकुल सही करार दिया है. उन्‍होंने कहा है कि इस क्षेत्र में बीजिंग की गतिविधियों पूरी तरह से वैध और उचित हैं. चीन का कहना है कि क्वाड का इस्तेमाल किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं होना चाहिए.

क्वाड देशों ने एकतरफा कार्रवाई का किया विरोध

बता दें कि मंगलवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध किया. इसके साथ ही दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी को गलत ठहराया. दरअसल वाशिंगटन में अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान के विदेश मंत्री इवाया ताकेशी के साथ शीर्ष अमेरिकी राजनयिक के रूप में अपनी पहली बहुपक्षीय बैठक की मेजबानी की थी.

क्‍वाड देशों ने संयुक्‍त बयान में कहा….

इस दौरान जारी किए गए संयुक्‍त बयान में कहा गया कि हमारे चार राष्ट्र इस बात पर कायम हैं कि समुद्री क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानून, आर्थिक अवसर, शांति, स्थिरता और सुरक्षा, हिंद प्रशांत के लोगों के विकास और समृद्धि का आधार हैं. हम बलपूर्वक या जबरदस्ती यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं. साथ ही हम बढ़ते खतरों के मद्देनजर क्षेत्रीय समुद्री, आर्थिक और प्रौद्योगिकी सुरक्षा को मजबूत करने के साथ-साथ विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

दुनिया की भलाई के लिए है क्वाड

इसके अलावा, क्वाड देशों ने ‘स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत’ को मजबूत करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, जहां कानून का शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखा जाता है और उसकी रक्षा की जाती है. वहीं, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बैठक ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, ‘क्वाड’ दुनिया भर की भलाई के लिए एक ताकत बना रहेगा.

वि‍देश मंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक ट्रंप प्रशासन की शुरुआत के कुछ घंटों के भीतर हुई.  इस दौरान व्‍यापक सोच, एजेंडे को गहरा करने और हमारे सहयोग को तेज करने के महत्व पर सहमति बनी.

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