Reciprocal Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कांग्रेस के संयुक्त सत्र में अपने दूसरे कार्यकाल को संबोधन किया. उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में अपनी कठोर टैरिफ नीति का बचाव किया. इस दौरान उन्होंने अपने टैरिफ नीति को दोहराते हुए कहा कि अमेरिका को भारत समेत दुनिया भर के कई देशों से उच्च टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि यदि आप ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका में अपना उत्पाद नहीं बनाते हैं, तो आपको टैरिफ देना होगा. वहीं, कुछ मामलों में काफी बड़ा टैरिफ देना होगा. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों ने दशकों तक हमारे खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल किया है और अब हमारी बारी है. अब हम उन दूसरे देशों के खिलाफ टैरिफ का इस्तेमाल करना शुरू करें.” यह बहुत अनुचित है.’
ट्रंप ने हाई टैरिफ लेने वाले देशों का गिनाया नाम
ट्रंप ने अपने संबोधन के दौरान उन देशों का नाम भी गिनाया, जो अमेरिका से बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलते है, जिसमें भारत भी शामिल है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि “औसतन, यूरोपीय संघ, चीन, ब्राज़ील, भारत, मैक्सिको और कनाडा…क्या आपने उनके बारे में सुना है? और अनगिनत दूसरे देश हमसे बहुत ज़्यादा टैरिफ वसूलते हैं, जितना हम उनसे वसूलते हैं.यह बहुत ही अनुचित है.”
चीन दोगुना, तो दक्षिण कोरिया का चार गुना है टैरिफ
इसके साथ ही उन्होंने अपने भाषण के दौरान भारत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत हमसे 100 प्रतिशत से ज़्यादा ऑटो टैरिफ वसूलता है. ट्रंप ने कहा कि हमारे उत्पादों पर चीन का औसत टैरिफ हमसे दोगुना है, जबकि दक्षिण कोरिया का औसत टैरिफ चार गुना अधिक है.
ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाएगा, जो 1 अप्रैल से नहीं बल्कि 2 अप्रैल से शुरू होगा, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि यह “अप्रैल फूल्स डे” के साथ मेल खाए.
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