Remal: चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ ने बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंचने के बाद से काफी तबाही मचाई है. इस तूफान के कहर से यहां 7 लोगों की जान चली गई. वहीं, लाखों लोग बिना बिजली के रहने को मजबूर है. दरअसल, ‘रेमल’ के तट से टकराने पर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं. इस दौरान वहां के सैकड़ों गांव जनमग्न हो गए.
वहीं, मौसम विभाग ने बताया कि ‘रेमल’ सोमवार की सुबह थोड़ा कमजोर हुआ. इस दौरान हवा की गति 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गयी. बता दें कि यह चक्रवाती तूफान रविवार मध्यरात्रि तट से टकराया था. मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार की सुबह साढ़े पांच बजे सागर द्वीप से 150 किलोमीटर उत्तरपूर्व में स्थित चक्रवाती तूफान के कारण मूसलाधार बारिश हुई. जिसके बाद उत्तरपूर्व की दिशा में आगे बढ़ते हुए ‘रेमल’ कमजोर पड़ने लगा.
क्या है रेमल का अर्थ
बता दें कि ‘रेमल’ इस वर्ष के मानसून के मौसम से पहले बंगाल की खाड़ी में बना पहला चक्रवाती तूफान है. वहीं, हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों का नामकरण करने वाली प्रणाली विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार, ओमान ने चक्रवात का नाम ‘रेमल’ रखा है, जिसका अर्थ अरबी में रेत है. इस चक्रवाती तूफान के साथ ही तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई, जिसका प्रभाव भोला, बारिसल, सतखिरा पटुआखली, और चट्टोग्राम समेत अन्य क्षेत्रों में दिखा.
तेज धार में बहा शख्स
कई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस तूफान के कहर से सात लोगों की मौत हुई है. दरअसल पटुआखली में एक युवक अपनी बहन और चाची को आश्रय स्थल लाने के लिए घर लौट रहा था, तभी तूफान के चपेट में आने से पानी की तेज धार में बह गया. वहीं, सतखिरा में तूफान के दौरान बचने के लिए भागते समय गिरने से एक और व्यक्ति की मौत हो गई. वैसे ही बारिसल, भोला और चट्टोग्राम में कुल पांच लोगों की मौत हो गयी. वहीं मोंगला में एक ट्रॉलर डूब गया, जिससे एक बच्चा समेत दो लोग लापता हो गए है.
काट दी गई डेढ़ करोड़ लोगों के घरों की बिजली
वहीं, ‘रेमल’ से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए ग्रामीण विद्युत प्राधिकरण ने तटीय क्षेत्रों में डेढ़ करोड़ लोगों के घरों की बिजली काट दी. जबकि कई इलाकों में बिजली की कटौती 12 घंटे से ज्यादा वक्त तक जारी रही हालांकि बिजली कर्मचारी तूफान का प्रकोप कम होने के बाद बिजली आपूर्ति बहाल करने की तैयारी करने में जुटे हैं.
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