Rohingya in Bangladesh: बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद लोगों को लगा था कि नई सरकार नए बांग्लादेश का निर्माण करेगी, लेकिन परिणाम ठीक इसके विपरीत आ रहे हैं. धार्मिक और राजनीतिक हिंसा से जूझ रहे बांग्लादेश में अब एक नई आफत आ गई है.
दरअसल, मंगलवार को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन ने बताया कि हाल ही में बॉर्डर तोड़कर करीब 8 हजार रोहिंग्या देश में घुस आए हैं, जिनके पास रहने को कोई ठिकाना नहीं है और बांग्लादेश की सरकार उनके देश में प्रवेश को रोकने में सक्षम नहीं है. ऐसे में लगातार देश में रोहिंग्या की संख्या बढ़ रही है.
जल्द होगी कैबिनेट की मीटिंग
विदेश मंत्री तौहीद हुसैन के हवाले से मीडिया ने बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में सशस्त्र संघर्ष से बचकर रोहिंग्या बांग्लादेश में घुस रहे हैं. अब तक देश में लगभग 8 हजार रोहिंग्या घुस चुके है. हालांकि इस मामले को लेकर जल्द ही कैबिनेट की मीटिंग होगी. तौहीन हुसैन ने कहा कि हमने तय किया है कि रोहिंग्या को देश में शरण नहीं दिया जाएगा, लेकिन इनको कब तक देश में रहने दिया जाए और कैसे इनको निकालना है, इसपर चर्चा करनी होगी.
पहले से रह रहे 10 लाख रोहिंग्या
वहीं, रोहिंग्या को देश से निकालने को लेकर पूछे गए सवाल में उन्होंने कहा कि इसके लिए हम अराकान आर्मी से संपर्क करने की कोशिश करेंगे. उनको वापस भेजने का यही एक रास्ता है. बता दें कि अराकान आर्मी म्यामांर का एक विद्रोही समूह है, जिसने म्यामांर के अधिकांश इलाके पर कब्जा कर लिया है. मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले में साल 2017 से 10 लाख से अधिक रोहिंग्या रह रहे हैं, जो म्यामांर में सैन्य तख्तापलट के बाद भागकर यहां आए हैं, इनमें से अभी तक किसी को भी वापस नहीं भेजा गया है.
देश के पास इतनी क्षमता नहीं कि…
विदेश मंत्री का कहना है कि म्यांमार में सताए गए रोहिंग्या के साथ हमारी सहानुभूति है, लेकिन हमारे पास इतनी क्षमता नहीं है कि इन्हें शरण दे सकें. यही वजह है कि म्यांमार से लगने वाली सीमा को सील कर दिया गया है, लेकिन बॉर्डर को पूरी तरह से सुरक्षित करने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बॉर्डर को पूरी तरह से सील करना संभव नहीं है, फिर भी सरकार रोहिंग्या को रोकने का पूरा प्रयास कर रही है.
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