तेजस पर अमेरिका ने दिया धोखा तो साथ आया रूस, भारत को दिया Su-75 और Su-35 विमानों का ऑफर

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Russia-India: तेजस फाइटर जेट को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर से भारत को बड़ा झटका दिया है. अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस ने भारत के स्वदेशी तेजस Mk1A फाइटर जेट के इंजन की सप्लाई को अब अगले साल यानी 2025 तक के लिए टाल दिया है. अमेरिका ने इंजन की सप्‍लाई को ऐसे वक्‍त में टाला है जब भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान रिटायर हो रहे हैं. अमेरिकी धोखे के बीच बरसो पुराने दोस्त रूस ने अपने नए और अत्याधुनिक सुखोई विमानों को लेकर भारत को बड़ा ऑफर दे दिया है.

मित्र देश रूस ने दिया बड़ा ऑफर

रूस ने अपने 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट सुखोई-75 के भारत में निर्माण का ऑफर दिया है. इसके अलावा भारत को 114 फाइटर जेट की आवश्‍यकता है. इसे देखते हुए रूस ने अपने चौथी पीढ़ी के सुखोई-35 जेट को लेकर भी भारत को बड़ा ऑफर दिया है. रूस और भारत के बीच यदि यह डील हो जाती है तो दोनों देशों के बीच रिश्ते और अधिक मजबूत होंगे. वहीं, इससे रूस की इकोनॉमी को बड़ी मदद मिलेगी, जो अभी पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का सामना कर रही है.

सुखोई-75 की खासियत

सुखोई-75 फाइटर जेट में एडवांस एवियानिक्स और एआई लगा है. इसके साथ ही एक फाइटर जेट की कीमत करीब 30 से 35 मिलियन डॉलर है. अगर यह सौदा होता है तो एशिया में रूस का रणनीतिक प्रभाव और बढ़ जाएगा. वहीं, भारत इस फाइटर जेट का निर्यात करके पैसे कमा सकता है. सुखोई-75 एक बेहतरीन स्टील्थ विमान है जो रेडार की पकड़ में नहीं आता है. इसकी स्पीड 1.8 मैक और रेंज करीब 3 हजार किलोमीटर है. यह जेट 7.4 टन हथियार भी अपने साथ ले जाने में सक्षम है. सुखोई-75 में खतरनाक एयर टु एयर और एयर टु ग्राउंड मिसाइलें शामिल हैं.

सुखोई 35 की खासियत

सुखोई 35 एक उन्नत बहु-भूमिका फाइटर जेट है. इसमें 2 सैटर्न AL-41F1S टर्बोफैन इंजन हैं, यह विमान 2,500 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड से उड़ने में सक्षम है. सुखोई 35 में कई तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं, जिनमें मिसाइलें, बम और गन शामिल हैं. यह फाइटर जेट एयर-टू-एयर मिसाइलों और एयर-टू-ग्राउंड मिसाइलों को भी ले जा सकता है. इसमें रॉकेट और बम भी लगाए जा सकते हैं. यह विमान इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में भी कर सकता है. इसमें रडार सिस्टम है, जो विमान को दुश्मन की स्थिति का पता लगाने में सहायता करती है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी है, जो दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक संचार को बाधित करने में सहायता करती है.

रूसी कंपनी ने कहा…

रूसी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट ने कहा है कि वह अपने इस विमान का निर्माण दोगुना करके भारत को बहुत कम समय में इसकी आपूर्ति कर सकती है. दशकों से रूस ने भारत को मिग से लेकर सुखोई तक कई लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की है.

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