Russia-Mongolia: यूक्रेन के साथ चल रही जंग के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सोमवार को मंगोलिया दौरे पर थे. इस दौरान मंगोलिया ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत के वारंट को किनारे करते हुए पुतिन का शानदार स्वागत किया. इसी बीच पुतिन ने कुछ ऐसा कहा, जिसके बाद चीन को बड़ा झटका लगा है.
दरअसल, रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि उनका देश मंगोलिया को घातक हथियार से लेकर सैन्य ट्रेनिंग तक देगा. हालांकि मौजूदा समय में रूस मंगोलिया के 340 सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहा है. साथ ही उन्होंने मंगोलियाई राष्ट्रपति के साथ बातचीत में कहा कि रूस और मंगोलिया के बीच हर क्षेत्र में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं. दोनों देश मिलकर एशियाई सुरक्षा में भी योगदान दे रहे है और आतंवाद निरोधक अभियान में भी सहयोग कर रहे हैं.
मंगोलिया चीन के बीच तनाव
पुतिन के इस ऐलान के बाद कयास लगाए जा रहें है कि रूसी राष्ट्रपति का यह ऐलान चीन को नागवार हो सकता है, क्योंकि मंगोलिया चीन का पड़ोसी देश है और चीन का भारत की तरह ही उससे भी सीमा विवाद है. दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर पहले कई सैन्य झड़प भी हो चुकी है.
रूस के उप रक्षामंत्री अलेक्जेंडर फोमिन के मुताबिक, रूस मंगोलिया को हथियारों और सैन्य उपकरणों की सप्लाई, रिपेयर, मरम्मत, आधुनिकीकरण के क्षेत्र में सहयोग कर सकता है. उन्होंने कहा कि रूस मंगोलिया को तकनीकी और सैन्य क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं. हम उन्हें सिखाएंगे. रूस ने इस साल ही 340 सैनिकों को ट्रेनिंग दी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए एक ट्रेनिंग साइट राष्ट्रपति कैडेट स्कूल कायजल है.
चीन और मंगोलिया में हुई थी सैन्य झड़प
पुतिन ने बताया कि रूस मंगोलिया के भीतर शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा प्रॉजेक्ट को भी बढ़ावा दे रहा है. हम अत्याधुनिक रूसी तकनीक के आधार पर परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर प्रॉजेक्ट को लागू करने के लिए तैयार हैं. इसके साथ ही पुतिन ने गैस के क्षेत्र में भी मंगोलिया को मदद देने का ऑफर दिया है. दरअसल, रूस लगातार मंगोलिया को बहुत बड़े पैमाने पर गैस और बिजली की आपूर्ति कर रहा है.
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