Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन में बीच जारी जंग में हरियाणा के एक युवक की मौत हो गई है. परिवार का दावा है कि रूसी सेना की ओर से यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में भेजा गया था, जहां उसकी जान चली गई है. मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने रवि मौन (22) की मौत की पुष्टि की है.
ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर भेजा गया था रूस
रवि मौन के परिजनों का दावा है कि उसे धोखा देकर रूस की ओर से लड़ने के लिए भेजा गया था. रवि के भाई अजय मौन ने बताया कि वह इसी साल 13 मई को रूस गया था. एक एजेंट ने उसे ट्रांसपोर्टेशन की जॉब के लिए रूस भेजा था, लेकिन वहां जाने के बाद उसे सेना में शामिल कर दिया गया. अजय मौन ने 21 जुलाई को अपने भाई के बारे में पता लगाने के दूतावास को लिए लिखा था.
दूतावास ने की मौत की पुष्टि
मृतक के भाई अजय ने बताया कि दूतावास ने रवि की मौत होने की पुष्टि की है. शव की पहचान के लिए भारतीय दूतावास ने परिजनों से डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट मांगी है. अजय मौन ने आरोप लगाया कि रूस की सेना ने उनके भाई से कहा था कि वह मोर्चे पर यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ने जाए या फिर दस साल की जेल के लिए तैयार हो जाएं.
मार्च में अपने परिवार के संपर्क में था मृतक
परिवार ने बताया कि रवि को खाई खोदने के लिए ट्रेनिंग दी गई थी और बाद में उसे लड़ाई के लिए भेज दिया गया. 12 मार्च तक रवि अपने परिवार के संपर्क में रहा था. भारतीय दूतावास की ओर से अजय मौन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ‘रूस ने मौत की पुष्टि की है. हालांकि, शव की पहचान के लिए उन्हें करीबी परिजन से डीएनए टेस्ट चाहिए. परिजनों ने रवि का शव वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि शव लाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. परिजनों ने रवि को रूस भेजने के लिए जमीन बेचकर 11.50 लाख रुपये खर्च किए गए थे.
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