Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग को लेकर राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में रूस के लिए लड़ रहे दो चीनी लोगों को पकड़ा है. ऐसे में रूस की ओर ये चीनी सेना के लड़ने से युद्ध को शांत कराने के प्रयास बाधित हो सकता हैं. हालांकि इससे पहले यूक्रेन उत्तर कोरियाई सैनिकों को भी रूस की ओर से लड़ते हुए पकड़ चुकी है.
इस जंग में चीनी सैनिको के पकड़े जाने का मामला इसलिए हैरान करने वाला है, क्योंकि चीन का दावा है कि वो इस जंग को रोकने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए उसने पूर्व में शांति प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया था, लेकिन उस पर बात आगे नहीं बढ़ पाई थी.
इस जंग में रूस के साथ कई देशों की भागीदारी
दरअसल सोशल मीडिया एक्स पर जेलेंस्की ने अपने एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी. साथ ही एक कथित चीनी सैनिकों का वीडियो भी पोस्ट किया. इस दौरान जेलेंस्की ने कहा कि कीव के पास “ऐसी जानकारी है जो बताती है कि कई और चीनी नागरिक” लड़ रहे हैं. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हवाला देते हुए लिखा कि “रूस द्वारा यूरोप में इस युद्ध में चीन के साथ-साथ अन्य देशों की भागीदारी, चाहे प्रत्यक्ष रूप से हो या अप्रत्यक्ष रूप से, एक स्पष्ट संकेत है कि पुतिन युद्ध को समाप्त करने के अलावा कुछ भी करने का इरादा रखते हैं.”
पकड़े गए लड़ाके भाड़े के सैनिक
वही, बेल्जियम के प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर के साथ कीव में एक संयुक्त ब्रीफिंग के दौरान ज़ेलेंस्की ने कहा कि “चीनी यूक्रेन के क्षेत्र में लड़ रहे हैं. ऐसे में यूक्रेनी नेता इस मामले को लेकर सवाल उठा रहे है, यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सदस्य एंड्री कोवलेंको ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि पकड़े गए लड़ाके भाड़े के सैनिक हैं. वहीं विदेशमंत्री एंड्री सिबिहा ने कहा कि कीव ने यूक्रेन में चीन के प्रभारी को “इस तथ्य की निंदा करने और स्पष्टीकरण मांगने के लिए” बुलाया था.
रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में उत्तर कोरियाई सैनिक तैनात
बता दें फरवरी 2022 से ही रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इस दौरान रूस ने ईरानी ड्रोन के साथ-साथ उत्तर कोरियाई मिसाइलों और उसके तोपखाने के गोले का भी इस्तेमाल किया है. साथ ही यूक्रेन का ये भी कहना है कि उत्तर कोरिया के सैनिकों को रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र के कुछ हिस्सों में यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए तैनात किया गया है. हालांकि चीन की ओर से इस मामले को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है, और न ही रूस ने कोई प्रतिक्रिया दी है.
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