Russia-Ukraine War: वाशिंगटन में हुए नाटो शिखर सम्मेलन के बाद से रूस को चौतरफा घेरने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इससे पहले ही नाटो देशों ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. ऐसे में अब रूस चीन के साथ दोस्ती मजबूत करने के कोशिशों में जुटा हुआ है. बता दें कि नाटों में शामिल सभी देश यानी अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस पूरी तरह से रूस के सामने आ गए हैं.
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध अब तीसरा साल शुरू हो गया है, लेकिन नाटों देशों की मदद से छोटा सा देश यूक्रेन रूस के सामने चट्टान की तरह खड़ा है, जिससे रूसी राष्ट्रपति पुतिन पूरी तरह से बौखलाए हुए हैं.
पुतिन ने कहा नाटो देशों की भूल
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद को चारों ओर से घिरता देख परमाणु युद्ध की धमकी दी है. ऐसे में यदि हमला करता है तो आधी दुनिया तबाह हो जाएगी. क्योंकि रूस 16 देशों पर परमाणु हमला कर सकता है. वहीं, व्लादिमीर पुतिन ने कहा भी है कि ‘सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है. दुश्मन हमारे परमाणु संयंत्रों पर हमला कर रहे हैं. ऐसे में इसपर हमें गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कीव का जो देश समर्थन कर रहे हैं, उनका इसपर ध्यान नहीं जा रहा है. ये उनकी बहुत बड़ी गलती है और इसे याद रखेंगे.’
पुतिन के करीबी ने दी रूसी ताकत की धमकी
वहीं, पुतिन के करीबी सर्गेई रयाबकोव नाटो देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘रूस की परमाणु ताकत को कम आंकना नाटो देशों की भूल है. वो भले ही रूस का मजाक उड़ाएं लेकिन उनको रूस की ताकत का अंदाजा नहीं है.
एक्टिव मूड में रूस के परमाणु हथियार
आपको बता दें कि यूक्रेन के करीब 20 फीसदी इलाकों पर रूस ने कब्जा कर लिया है. लेकिन ऐसे में ही नाटो देश रूस को चौतरफा घेरने की तैयारी कर रहे है. हालांकि इस युद्ध में रूस का बड़ा नुकसान हुआ है. क्योंकि इस दौरान उसके भारी संख्या में सैनिकों की मौत हुई है. वहीं, चारों ओर से खुद को घिरता हुआ देख पुतिन बौखला गए हैं, ऐसे में वो बीते कई महीने से लगातार परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे हैं.
राष्ट्रपति पुतिन ने अब परमाणु हमला को लेकर निर्णय लेने के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की है, उन्होंने कहा है कि यदि पश्चिमी देश पीछे नहीं हटते हैं तो रूस परमाणु हमला करने में देर नहीं लगाएगा. रूस ने अपनी मिसाइलों में पहले से परमाणु हथियारों को एक्टिव मूड में रखा है.
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