Russia-Ukraine War: तुर्की अक्सर दो देशों के बीच चल रहे विवादों के बीच टांग अड़ाकर दोनों तरफ से लाभ लेने का प्रयास करता रहता है, जिसके लिए कुछ साल पहले अमेरिका ने इसे सबक भी सिखाया था, लेकिन इसके बावजूद वो अपनी चालाकियों से बाज नहीं आ रहा है.
बता दें कि कुछ साल पहले तुर्की के इन्हीं हरकतों के वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी एस-400 खरीदने पर एफ-35 परियोजना से तुर्की को बाहर कर दिया था, लेकिन फिर से एर्दोगन रूस को धोखा देने का काम कर रहे हैं.
यूक्रेन को तुर्की ने की दूसरे कार्वेट की डिलीवरी
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक ओर जहां एर्दोगन ने रूस के साथ हमदर्दी दिख रहे है, वहीं, दूसरी ओर रूस के सबसे बड़े दुश्मन यूक्रेन को दूसरे कार्वेट की डिलीवरी की है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि यूक्रेन इस कार्वेट का इस्तेमाल रूस के खिलाफ युद्ध में करेगा. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट कर बताया कि यूक्रेन की प्रथम महिला ओलेना जेलेंस्का ने तुर्की की यात्रा के दौरान एडा-क्लास जहाज के लॉन्चिंग कार्यक्रम में शामिल हुई हैं.
समुद्री ड्रोन से यूक्रेन करता है हमले
बता दें कि तुर्की के एडा क्लास जहाज आमतौर पर विमानों, जहाजों और पनडुब्बियों को निशाना बनाने में सक्षम होते हैं. वहीं, युक्रेन के पास पहले से उपलब्ध तुर्की के कार्वेट का अभी समुद्री परीक्षण चल रहा है. दरअसल, यूक्रेन की समुद्री सीमा काला सागर ओक आजोव सागर से मिलती हैं. फरवरी 2022 के बाद से यूक्रेन में समुद्री ड्रोन विकसित किए हैं, जो काला सागर में रूसी फ्लीट को नुकसान पहुंचाते रहे हैं. लेकिन तुर्की से मिला युद्धोंपोत कार्वेट काला सागर और आजोव सागर में देश की सुरक्षा करेंगा. विशेषरूप से भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर में भी मिशन में सहायता करेंगे.
क्रू मेंबर्स को ट्रेनिंग देगा यूक्रेन
वहीं, यूक्रेन नौसेना के प्रवक्ता दिमित्रो प्लेटेनचुक ने बताया कि तुर्की से दूसरा कॉर्वेट लॉन्च किया गया है. ऐसे में अब इस युद्धपोत को आधुनिक हथियारों से लैस करने के साथ ही दूसरे चालक दल को ट्रेनिंग देना है. उन्होंने बताया कि जहाज पर तैनाती के लिए 100 नए क्रू मेंबर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.
यूक्रेन की मदद कर रहे पश्चिमी देश
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बताया कि साल 2020 में एक समझौते में तुर्की को 2 कार्वेट का ऑर्डर किया गया था. यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि पिछले महीने ही समुद्री सुरक्षा को लेकर एक रणनीति बनाई गई है, जिसका उद्देश्य अपनी नौसेना का पुनर्निर्माण करना है, जिसमें यूक्रेन को पश्चिमी देशों से भी मदद मिल रही है.
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