Russia-Ukraine War: तकरीबन दो साल से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में पहली बार व्लादिमीर पुतिन संकटों से घिरे हुए नजर आ रहे है. आलम ये है कि रूस के पास अब र्प्याप्त संख्या में सैनिक भी नहीं बचें है, जिससे की वह यूक्रेन का मुकाबला कर सके. वहीं, कुर्स्क इलाके में यूक्रेनी सेना के घुसने के बाद से उन्हें दुनिया के सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है. ऐसे में अब रूस अपने तानाशाह दोस्त की मदद ले रहा है.
दरअसल, अगस्त महीने के शुरुआत में रूस के कुर्स्क इलाके में घुसे यूक्रेनी सैनिकों को रूसी सेना पीछे नहीं कर पाई है, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर पुतिन का नया मोर्चा कामयाब होता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, यूक्रेनी सेना ने पहली बार छह अगस्त को रूस की सीमा में प्रवेश किया था, जिसके बाद से उसने कुर्स्क इलाके के भीतर 1294 वर्ग किमी एरिया पर कब्जा कर लिया है.
बेलारूस से मगांई अतिरिक्त फौज
मीडिया रिपोर्ट की माने तो संभवत: पुतिन ने अपने सहयोगी बेलारूस से अतिरिक्त फौज मंगाई है, जिससे वह यूक्रनी सेना को आगे बढ़ने से रोक सकें. क्योंकि ‘B’ चिन्ह वाले बेलारूसी टैंक यूक्रेन की सीमा पर दिखाई दिए हैं.
यूक्रेन ने बेलारूस को दी कड़ी चेतावनी
वहीं, जानकारों का कहना है कि यूकेन के हमलों से बौखलाए रूस ने नई रणनीति बनाई है, जिसके तहत उसने यूक्रेनी हमलों को रोकने के लिए बेलारूस से मदद ली है. दरअसल, यूक्रेन के सीमा पर बेलारूस के भारी टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों को देखा गया है. वहीं, सुरक्षा थिक टैंक का दावा है कि नए मोर्चे पर चुनौती देकर पुतिन अब यूक्रेनी सैनिकों को पीछे करने के प्रयासों में जुटा हुआ है. मगर यूक्रेन ने दबाव महसूस करने के बजाए तानाशाह अलेक्जेंडर लुकाशेंको को कड़ी चेतावनी दी है.
हर दिन 300 से अधिक रूसी सैनिकों की हो रही मौत
यूक्रेन ने कहा है कि अगर लुकाशेंको अपने सैनिकों को भेजते हैं तो बेलारूस के सैन्य अड्डे और सप्लाई मार्ग यूक्रेन के निशाने पर होंगे. वहीं, रूसी कमांडर इन चीफ ओलेक्सेंडर सिरस्की ने कहा था कि कुर्स्क इलाके में यूक्रेनी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ी जा रही है और दुश्मन बड़ी कीमत चुका रहा है. उन्होंने कहा कि हर रोज यूक्रेनी हमले में 300 से ज्यादा रूसी सैनिक मारे जा रहे हैं.
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