Russia Ukraine War: उत्तर कोरियाई सेना के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करने को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल, हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया था कि 10 हजार उत्तर कोरियाई सैनिकों को रूस यूक्रेन के खिलाफ जंग के मैदान में उतारने के लिए ट्रेनिंग दे रहा है. इस खबर ने अमेरिका ही नहीं पूरे नाटों को हिला रखा है.
उत्तर कोरिया द्वारा रूस को हजारों सैनिक भेजे जाने के बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने चीन से मॉस्को और प्योंगयांग पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आह्वान किया है, जिससे तनाव को बढ़ने से रोका जा सके. हालांकि अमेरिका के इस आह्वान पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
अमेरिकी चिंताओं पर दिया जोर
वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में ही तीन शीर्ष अमेरिकी राजनयिकों ने अमेरिका में चीन के राजदूत के साथ मुलाकात की. इस दौरान अमेरिकी चिंताओं पर जोर दिया गया. वहीं, चीन से आग्रह किया गया कि वह उत्तर कोरिया और रूस के सहयोग को कम करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करे.
दोनों पक्षों के बीच हुई ठोस बातचीत
बता दें कि अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, चीन भी यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद कर रहा है. ऐसे में ही अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस सप्ताह ठोस बातचीत हुई. चीन को अमेरिका की इन अपेक्षाओं के बारे में पता है कि वे इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेंगे.
चीन पर पूरा दारोमदार
रूस की उत्तर कोरिया द्वारा की जा रही मदद से नाटो संगठन और अमेरिका की चिंताएं बढ़ी हुई है. वहीं, अब इसे रोकने का पूरा दारोमदार चीन पर आ गया है. ब्लिंकन ने वाशिंगटन में रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके दक्षिण कोरियाई समकक्षों के साथ एक सम्मेलन में कहा कि मुझे ऐसा लगता है कि यह मांग सिर्फ हमारी ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के अन्य देशों की भी है.
वहीं, चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयु ने अपने एक बयान में कहा कि यूक्रेन संकट पर चीन की स्थिति तर्कयुक्त और बिल्कुल स्पष्ट है. यूक्रेन संकट के राजनीतिक समाधान और शांति वार्ता के लिए चीन प्रयासरत है. साथ ही इस दिशा में कि चीन रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा.
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