Russia-Ukrane War: रूस-यूक्रेन जंग को रोकने के लिए अमेरिका लगातार प्रयासरत है. ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी पुतिन, तो कभी जेलेंस्की से वार्ता कर रहें है, इसी बीच रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने सीजफायर के लिए कुछ ऐसी शर्तें रखी है, जिसपर अभी तक सहमति नहीं बन सकी है.
इसी मामले को लेकर ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ ने 11 अप्रैल को रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की. इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यदि रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरूआत में ही वो राष्ट्रपति रहे होते तो ये जंग कभी शुरू ही नहीं होती.
नहीं होना चाहिए था ये युद्ध
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर अपने एक पोस्ट में लिखा कि रूस को आगे बढ़ना होगा. इस जंग में काफी लोग मारे जा चुके है. ये एक भयानक और निरर्थक युद्ध है, जो कभी होना ही नहीं चाहिए था, इस युद्ध में हजारों लोग हर हफ्ते अपनी जान गंवा रहे हैं. उस वक्त यदि मैं राष्ट्रपति होता तो ऐसा कभी नहीं होता.’
ट्रंप के दूत विटकॉफ और पुतिन के बीच मीटिंग
वहीं, स्टीव विटकॉफ मॉस्को दौरे पर हैं, जहां उन्होंने युद्ध रोकने के लिए पुतिन के साथ बातचीत की. लेकिन इस बैठक का नतीजा क्या निकला, दोनों देशों के बीच क्या बात हुई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद ये विटकॉफ की तीसरी रूस यात्रा है.
सीजफायर के लिए शर्तें रख रहा रूस
हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने वेबसाइट ने लिखा कि ‘रूस ने कहा है कि वह शांति चाहता है और युद्ध विराम चाहता है, लेकिन उसने समझौते या रियायत का कोई संकेत नहीं दिया है. वह केवल शर्तें रख रहा है. वहीं, विटकॉफ की लगातार मॉस्को की यात्रा शांति वार्ता में प्रगति की कमी के कारण ट्रंप प्रशासन की बढ़ती हताशा का संकेत है.’
पुतिन ने रखी है ये शर्त
रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि हम दुश्मनी समाप्त करने के प्रस्तावों से सहमत हैं. हम लंबे समय के लिए शांति के पक्ष में हैं. युद्धविराम से स्थायी शांति आएगी. इसके साथ ही उन्होंने युद्ध समाधान पर ध्यान देने के लिए ट्रंप का धन्यवाद दिया. पुतिन ने कहा कि युद्ध के असली कारणों का निपटारा होना जरूरी है. उसके बाद ट्रंप और पुतिन की फोन पर बात भी हुई, लेकिन अब तक सीजफायर को लेकर सहमति नहीं बन पाई है.
इसे भी पढें:-भारत-आसियान व्यापार सहयोग को मिलेगी मजबूती, नई दिल्ली ने की AITIGA के 8वीं बैठक की मेजबानी