Russia Vs America: क्यूबा अपने टूरिज्म, कल्चर, वास्तुकला के साथ ही और कई ऐतिहासिक स्मारकों के लिए जाना जाता है. लेकिन अब इसके इर्द-गिर्द कोल्ड वॉर का खतरा मंडराने लगा है. व्लादिमीर पुतिन के युद्धपोतों का बड़ा बेडा इस वक्त अमेरिका से मजह 120 किलोमिटर दूर क्यूबा तट जा पहुंचा है. इसमें हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस पुतिन का सबसे आधुनिक युद्धपोत गोर्शकोव और परमाणु पनडुब्बी नजर आया है, जिसके बाद तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
इस दौरान यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को लेकर अमेरिका से जारी तनाव के बीच बाइडेन के दरवाजे पर पहुंचे रूस के जंगीपोत एक बार फिर से छह दशक पहले क्यूबा में हुए मिसाइल संकट की याद दिला रहे है.
हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम
वहीं, एक रिपोर्ट के अनुसार एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट क्यूबा तीन दिन जनता के लिए पर्यटन की पेशकश करेगा. ऐसे में लोगों के जहन में यह संदेह पैदा हो रहा है कि आखिर रूसी जंगी जहाज क्यूबा की तटों पर इतने दिनों के लिए आम लोगों के लिए क्यों खोला जाएगा. बता दें कि गोर्शकोव रूस के नौसेना के बेड़े का सबसे आधुनिक जहाजों में से एक है, जो 6,000 मील प्रति घंटे से अधिक कर रफ़्तार से हाइपरसोनिक मिसाइल दागने में सक्षम है.
गहरा रहा शक
रिपोर्ट के मुताबिक क्यूबा के एक नागरिक ने कहा कि ‘क्यूबा में 12 साल तक रहने के दौरान मैंने हर तरह की लाइनों में इंतज़ार किया है. खाना खरीदने के लिए लाइनें, बिलों का भुगतान करने के लिए लाइनें, लेकिन अब मैं किसी अप्रत्याशित चीज़ के लिए लाइन में खड़ा था, जो हवाना के बंदरगाह में डॉक किए गए एक रूसी युद्धपोत पर सवार होने के लिए. वहीं, जब एक रूसी राजनयिक द्वारा बताया गया कि गुरुवार से एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट तीन दिनों के लिए जनता के लिए पर्यटन की पेशकश करेगा,उस दौरान मुझे कुछ शक हुआ.
दी गई 21 तोपो की सलामी
बता दें कि बुधवार को जब रूसी जंगी पोत क्यूबा पहुंचा, तो उसे 18वीं सदी के किले से 21 तोपों की जोरदार सलामी दी गई, जो उस बंदरगाह के ऊपर था,जिसे स्पेनियों ने शहर को समुद्री डाकुओं से बचाने के लिए बनाया था.
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