Russia: यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव (Sergey Lavrov) ने अमेरिका को चेतावनी दी है. सर्गेई लावरोव ने कहा, अमेरिका को यूक्रेन संघर्ष पर सीमा रेखा पार नहीं करनी चाहिए. वह रूस के साथ आपसी संयम की भावना खोना शुरू कर रहा है. इसे खतरनाक बताते हुए उन्होंने कहा, उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति के संभावित परिणामों का एहसास होगा.
अमेरिकियों ने खुद की लाल रेखाओं को कर लिया है पार
रूसी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को लावरोव ने एक साक्षात्कार में कहा, अमेरिकियों ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति पर अपनी खुद की लाल रेखाओं को पार कर लिया है. ‘उन्हें (अमेरिका को) समझना चाहिए कि हमारी लाल रेखाओं से मूर्ख बनने की कोई बात नहीं है और वे अच्छी तरह जानते हैं कि वे कहां हैं. सर्गेई लावरोव ने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, यूक्रेन के लिए समर्थन बढ़ाने के मुद्दे पर सावधानी से विचार किया जाना चाहिए, ताकि तीसरे विश्व युद्ध को भड़काने की नौबत न आए. क्योंकि, यूरोप को खत्म होते देखना दुखद होगा.
संवाददाता सम्मेलन में बोले किर्बी- ‘अमेरिका ऐसे किसी भी देश का…’
रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि वहां महत्वपूर्ण प्रभाव वाले उचित लोग बचे हैं और मुझे उम्मीद है कि अमेरिका के हितों को ध्यान में रखा जाएगा. इस बीच, किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अमेरिका ऐसे किसी भी देश का स्वागत करता है, जो यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने का इच्छुक है. उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र जो इस युद्ध को समाप्त करने में मदद करने का इच्छुक है और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के विशेषाधिकारों, यूक्रेनी लोगों के विशेषाधिकारों, न्यायपूर्ण शांति की उनकी योजना को ध्यान में रखते हुए ऐसा करता है, हम निश्चित रूप से उस तरह की भूमिका का स्वागत करेंगे.
व्लादिमीर पुतिन ने दिए शांति के संकेत
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को पहली बार यूक्रेन में शांति का संकेत दिया है. पुतिन ने भारत का नाम उन तीन देशों में लिया, जो यूक्रेन में संघर्ष रोकने को लेकर गंभीर है. रूसी राष्ट्रपति ने भारत के अलावा ब्राजील और चीन का जिक्र किया और कहा, यूक्रेन के मामले पर वह अपने इन दोस्तों के साथ संपर्क में हैं. व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हम अपने मित्रों और भागीदारों का सम्मान करते हैं, जो इस संघर्ष से जुड़े मुद्दों को ईमानदारी से हल करना चाहते है. मुख्य रूप से भारत, चीन और ब्राजील. उन्होंने आगे कहा कि मैं इस मुद्दे पर अपने सहयोगियों के साथ लगातार संपर्क में हूं।’ पुतिन की टिप्पणी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दो सप्ताह के भीतर आई है। यूक्रेन दौरे पर पीएम मोदी ने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की थी और संघर्ष को रोकने के लिए प्रयास को समर्थन देने की बात कही थी।