यूक्रेन ही नहीं इन देशों पर भी सैन्य बल इस्तेमाल करने की तैयारी में पुतिन, रिपोर्ट में खुलासा

Raginee Rai
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Russian PM Putin: बीते तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. इसी बीच खबर है कि अब रूस की नजर में कई और देश भी है, जिसपर वह सैन्‍य बल का इस्‍तेमाल करने के लिए तैयार है. इसका खुलासा जर्मनी की खुफिया एजेंसी (BND) और सशस्त्र बलों ने किया है. इनके आकलन के मुताबिक, रूस पश्चिमी देशों को अपना प्रमुख दुश्मन मान रहा है और एक बड़े पैमाने पर सैन्य टकराव की तैयारी में है.

सिर्फ यूक्रेन तक सीमित नहीं रहेगा रूस

जर्मनी के प्रसिद्ध मीडिया संस्थान ‘सूडडॉयचे त्साइटुंग’, डब्‍ल्‍यूडीआर और एनडीआर की रिपोर्टों के मुताबिक, रूस की सैन्य नीति केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है. यह दावा किया जा रहा है कि रूस अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सैन्य बल का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. साल 2030 तक रूस अपनी सैन्य क्षमता को इतना मजबूत कर लेगा कि वह किसी बड़ी जंग के लिए पूरी तरह तैयार होगा.

सैन्य कार्रवाई करने की स्थिति में रूस

लिथुआनिया की खुफिया एजेंसी (VSD) का कहना है कि वर्तमान में रूस इतने बड़े पैमाने पर युद्ध लड़ने की स्थिति में नहीं है. हालांकि वो सीमित सैन्य कार्रवाई करने की स्थिति में जरूर है. रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पुतिन नाटो देशों की एकजुटता की परीक्षा लेना चाहते हैं और ये देखना चाहते हैं कि संकट के समय में नाटो के आर्टिकल 5 के तहत अपनी रक्षा प्रतिबद्धताओं को कितना गंभीरता से लेता है. इस बीच, नाटो महासचिव मार्क रुटे ने हाल ही में कहा है कि अगर पुतिन ने पोलैंड या किसी अन्य NATO देश पर हमला किया, तो इसका जवाब बेहद घातक होगा.

रूस की सैन्य शक्ति में बड़ी बढ़त

बीएनडी की रिपोर्ट के अनुसार, अभी रूस की सैन्य ताकत का तीन चौथाई-हिस्सा यूक्रेन जंग में लगा हुआ है, लेकिन उसकी वायुसेना और नौसेना पूरी तरह सतर्क है. अगर यूक्रेन युद्ध खत्म होता है तो रूस अपनी सैन्य टुकड़ियों को पश्चिमी सीमा की ओर तैनात करेगा. रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों और भारी नुकसान के बाद भी पुतिन लगातार अपनी सेना को मजबूत कर रहे हैं. जर्मन खुफिया एजेंसी के अनुसार, रूस की सैन्य अर्थव्यवस्था आवश्‍यकता से अधिक सैन्य उत्पादन कर रही है.

2026 तक 15 लाख सैनिक होंगे तैनात

रूस ने 2026 तक अपनी सशस्त्र सेनाओं की संख्या बढ़ाकर 15 लाख करने का प्‍लान किया है. साल 2022 की सैन्य योजना के मुताबिक, नाटो सीमा पर रूसी सेना, हथियारों और सैन्य उपकरणों की संख्या 30-50 प्रतिशत तक बढ़ाने की तैयारी हो रही है. रूस सरकार तेज़ी से अपना सैन्य खर्च बढ़ा रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 तक रूस का रक्षा बजट करीब 120 बिलियन यूरो तक पहुंच जाएगा, जो जीडीपी का 6 प्रतिशत से अधिक होगा. यह आंकड़ा 2021 के मुकाबले लगभग चार गुना अधिक है.

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