अंतरिक्ष में ब्लास्ट हुआ रूसी सैटेलाइट, एस्ट्रोनॉट्स की बढ़ी मुश्किलें

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Russian Satellite Blast: अंतरिक्ष में रूस का एक ऑब्‍जरेशन सैटेलाइट टूटकर सौ से अधिक टुकड़ो में बिखर गया. इसके मलबे से बचने के लिए इंटरनेशनल अंतरिक्ष स्‍टेशन पर मौजूद अंतरिक्षयात्रियों को स्‍पेसक्राफ्ट में आश्रय लेना पड़ा. इसकी जानकारी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने दी. मलबे झुंड पर नज बनाए रखे अमेरिकी अंतरिक्ष कमांड ने कहा कि उपग्रह के मलबे से फिलहाल किसी दूसरे सैटेलाइट को कोई नुकसान नहीं है. बता दें कि रूसी पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट RESURS P1 को रूस ने 2022 में ही मृत घोषित कर दिया था.

स्‍पेस स्‍टेशन के पास की ऑबिट में ब्‍लास्‍ट

स्पेस कमांड ने बताया कि यह घटना बुधवार को माउंटेन टाइम अनुसार सुबह करीब 10 बजे हुई. यह घटना स्पेस स्टेशन के पास की ऑबिट में हुई, जिसके वजह से इसमें सवार अमेरिकी अंतरक्ष यात्रियों को करीब एक घंटे तक स्‍पेसक्राफ्ट में शरण लेनी पड़ी. फिलहाल, रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने इस बारे में कोई टिप्‍पणी नहीं की है.  अमेरिका की एक स्पेस ट्रैकिंग फर्म लियोलैब्स ने देखा था कि स्‍पेस में अचानक मृत सैटलाइट कम से कम 100 टुकड़ों में टूट गया. अब इसके बड़े-बड़े टुकड़े पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण कर रहे हैं.

सैटेलाइट का मलबा चिंता का विषय

लियोलैब्स ने रॉयटर्स को दिए एक बयान में कहा कि इस मलबे के बादल की निचली कक्षा के कारण हमारा अनुमान है कि खतरा टलने में कई सप्ताह या महीने लग सकते हैं. पृथ्वी की कक्षा में बढ़ते उपग्रह और फिर उनकी वजह से बढ़ने वाला मलबा चिंता का विषय बन रहा है. साल 2021 में रूस ने अपने एक उपग्रह को एंटी सैटलाइट मिसाइल से अंतरिक्ष में ही नष्ट कर दिया था. जिसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस की कड़ी आलोचना की थी.

खराब होने के कहा जाता है उपग्रह

हालांकि इस मामले में RESURS-P1 सैटलाइट के मिसाइल से तोड़े जाने की संभावना नहीं है. दरअसल, जब सैटलाइट अपना जीवन पूरा कर लेते हैं तो वे कक्षा में शांत बने रहते हैं जब तक कि पृथ्वी के वातावरण की ओर न आ जाएं और जलकर नष्‍ट न हो जाएं. दूसरा विकल्प ऑर्बिट के ‘कब्रिस्तान’ (ग्रेवयार्ड ऑर्बिट) में जाने का है जो पृथ्वी से 36 हजार किमी की दूरी पर है.  यहां दूसरे उपग्रह से टकराने का खतरा कम हो जाता है. इस कक्षा में ऐक्टिव सैटलाइट नहीं रहते हैं.

ये भी पढ़ें :- पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की 103वीं जयंती आज, PM मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि

 

Latest News

Ghazipur News: हथियारमठ पहुंचे RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत, पीठाधीश्वर भवानीनन्दन यति जी महाराज ने किया स्वागत

Ghazipur News:  आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) आज, 1 जुलाई को दोपहर करीब 1:00 बजे एक दिवसीय...

More Articles Like This