S. Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आज से ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में हो रहे सातवे हिन्द महासागर सम्मलेन में हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन का थीम “टुवर्ड्स अ स्टेबल एंड सस्टेनेबल इंडियन ओशियन” है. यह दो दिवसीय सम्मेलन 9 और 10 तारीख को आयोजित किया जाएगा. भारतीय विदेश मंत्री, श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे , ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग और सिंगापुर के विदेश मंत्री डॉ विवियन बालाकृष्णन के साथ सम्मलेन के उद्धघाटन सत्र को संबोधित करेंगे. 7वें हिंद महासागर सम्मेलन में 22 से अधिक देशों के मंत्रियों और 16 देशों और 6 बहुपक्षीय संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल भी शामिल होंगे. सम्मेलन में लगभग 40 देशों के 400 से अधिक सामाजिक और कॉर्पोरेट नेता, नीति व्यवसायी, विद्वान, पेशेवर और मीडिया कर्मी भी भाग लेंगे.
विदेश मंत्री ने नामीबिया के राष्ट्रपति के निधन पर जताया शोक
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने डॉ हेज गॉटफ्राइड गींगोब, नामीबिया के राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए नई दिल्ली में नामीबियाई उच्चायोग का दौरा किया. उनके निधन पर विदेश मंत्री ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “नामीबिया के उच्चायोग में राष्ट्रपति हेज जी. गिंगोब के निधन पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शोक पुस्तिका पर हस्ताक्षर किए. उनका असामयिक निधन बहुत बड़ी क्षति है. हम अपने संबंधों के विकास पर उनके दृष्टिकोण और नेतृत्व के लिए हमेशा आभारी रहेंगे.”
हिन्द महासागर सम्मलेन
हिंद महासागर सम्मेलन 2016 में सिंगापुर में शुरू किया गया था, जिसमें 30 देशों की भागीदारी थी. पिछले छह वर्षों में, सम्मेलन क्षेत्रीय मामलों पर क्षेत्र के देशों के लिए प्रमुख परामर्शदात्री मंच के रूप में उभरा है. 2016 में सिंगापुर में अपनी शुरुआत करने के बाद से , पिछले कुछ वर्षो में हिन्द महासागर सम्मलेन ने सुरक्षा और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार-विमर्श करने के लिए क्षेत्र के देशों और प्रमुख समुद्री भागीदारों को एक आम मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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