‘किसी भी देश के लिए फायदेमंद नहीं तनावपूर्ण रिश्तें’, चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर बोले एस जयशंकर

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

S Jaishankar: थिंक-टैंक-एशिया सोसाइटी की ओर से आयोजित एक सत्र में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के संबंधो का जिक्र किया. इस दौरान उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्हें विवाद नहीं बनना चाहिए. तनावपूर्ण संबंध किसी भी देश के लिए फायदेमंद नहीं होंगे.

एस जयशंकर ने गलवान घाटी में हुई झड़प को लेकर कहा कि “साल 2020 में जो कुछ हुआ, वह वास्तव में रिश्ते के लिए बहुत अफसोसजनक था. यह केवल टकराव नहीं था, यह लिखित समझौतों की अवहेलना थी. जिन शर्तों पर सहमति बनी थी, उनसे काफी दूर चले गए.”

भारत-चीन के संबधों में हुआ सुधार

चीन के साथ तनाव को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि ‘‘हम अभी भी इसके कुछ हिस्सों से निपट रहे हैं, ऐसा नहीं है कि यह मुद्दा पूरी तरह से खत्म हो गया है. दरअसल, अक्टूबर 2024 से भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी कुछ सुधार हुआ है. ऐसे में हम इसके विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहे हैं. मैं अपने (चीनी) समकक्ष से कई बार मिल चुका हूं, मेरे अन्य वरिष्ठ सहयोगी भी उनसे मिल चुके हैं.’’

गलवान में हुआ क्या था?

बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने बॉर्डर पर हुए समझौतों को पूरी तरह से तोड़ दिया था. इस दौरान चीनी सैनिकों द्वारा भारत में घुसने की कोशिश की गई और भारतीय सेना पर हमले भी किए गए. चीन के इस कायरतापूर्ण कार्य के चलते 20 भारतीय जवानों को शहीद होना पड़ा था.

वहीं, कई रिपोर्टो के मुताबिक, गलवान में हुई झड़प में चीन की पीएलए सेना करीब 60 जवान मारे गए थे. यह झड़प पिछले कई दशकों में भारत और चीन के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकराव था. इस झड़प के बाद से अब तक भारत और चीन के संबंधों में पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है.

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