‘अब हर कोई भारत को बनाने लगा है दोस्त’, विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- देश की स्थिति मजबूत

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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S Jaishankar: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी स्‍पेन यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए भारत के बढ़ते वैश्विक कद और चुनौतीपूर्ण समय में सार्थक सहायता प्रदान करने की उसकी क्षमता पर जोर दिया है. उन्‍होंने कहा कि भारत-स्पेन संबंध महत्वपूर्ण प्रगति के शिखर पर हैं. उन्हें स्पेन के विदेश मंत्री ने एक वैश्विक सम्मेलन में देश के राजदूतों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था, जो पहली बार हुआ है.

भारत के प्रभुत्व का भी किया जिक्र

वहीं, भारत के बढते प्रभावों के बारे में जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि ‘जब कोई विदेश मंत्रालय या राजदूत आपको आने और उनसे बात करने के लिए कहते हैं, तो यह सोचने वाली बात है कि ऐसा क्यों हो रहा है.’ विदेश मंत्री ने नये भारत का जिक्र करते हुए कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर आर्थिक ताकत और नेतृत्व के लिए जाना जाता है. आज हम पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं, जो तीसरी सबसे बड़ी बनने की ओर अग्रसर है.’

रूस और यूक्रेन को लेकर कही ये बात

वहीं, रूस और यूक्रेन को लेकर उन्‍होंने कहा कि भारत को आज वैश्विक बातचीत में योगदान देने वाले के रूप में देखा जाता है. बहुत ही कम देश ऐसे हैं, जो रूस से भी बात कर सकते हैं और यूक्रेन से भी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी रूस भी गए और यूक्रेन भी. वहीं, ईरान और इजरायल से भी बात करने वाले भी बहुत कम देश हैं, मगर पीएम मोदी ऐसा कर सकते है. हम क्‍वाड का भी हिस्सा हैं और ब्रिक्स का भी.

महामारी के दौरान भारत के भूमिका का किया जिक्र

इसके अलावा एस जयशंकर ने अफ्रीका को जी-20 में शामिल करने की वकालत करने में भारत के प्रयासों के साथ ही कोविड-19 महामारी के दौरान भारत की भूमिका का भी उल्‍लेख किया. उन्‍होंने कहा कि यदि आप दुनिया में जाएगे, जो 100 देश है, जों कहेंगे कि हमें टिका मिला है, तो उसकी वजह भारत है.

सबकी मदद करने के लिए तैयार भारत

एस जयशंकर ने कहा कि मुझे याद है कि राष्ट्रपति सांचेज़ ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई के लिए पीएम मोदी को फोन किया था. मुश्किल समय में भारत ही वह देश है, जो विभिन्न पक्षों से बात करने और उनकी मदद करने को तैयार है. यहां बात पैसे या संसाधनों की नहीं, दिल और दिमाग की है, एक ब्रिज के रूप में विश्वनसनीय होने की है.’

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