S Jaishankar: म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलेपन को मजबूत करना’ विषय पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान जयशंकर ने एक अमेरिकी सीनेटर को चुनौती देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक भारत 80 करोड़ लोगों को भोजन उपलब्ध कराने में समर्थ है.
दरअसल, अमेरिकी सीनेटर एलिसा स्लोटकिन ने कहा कि लोकतंत्र ‘मेज पर भोजन नहीं परोसता’ है जिसपर प्रतिक्रिया देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि भारत में ऐसा होता है. आज, हम एक लोकतांत्रिक समाज हैं और हम 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराते हैं
एक लोकतांत्रिक समाज है भारत
जयशंकर ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) का जिक्र करते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक समाज है, इसलिए यह 80 करोड़ लोगों को पोषण सहायता और भोजन उपलब्ध कराने में समर्थ है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि वे कितने स्वस्थ हैं और उनका पेट कितना भरा हुआ है. ऐसे में मैं यह कहना चाहता हूं कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह की बातचीत हो रही है. कृपया यह न समझें कि यह एक तरह की सार्वभौमिक घटना है, ऐसा नहीं है.
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कुछ हिस्से ऐसे है, जहां यह अच्छी तरह से काम कर रहा है, लेकिन हो सकता है कि कुछ हिस्से ऐसे हों जहां यह ठीक से काम न कर रहा हो. मुझे लगता है कि लोगों को इस बारे में ईमानदारी से बातचीत करनी चाहिए कि ऐसा क्यों नहीं हो रहा है.
सोशल मीडिया पर दिया ये संदेश
वहीं विदेशमंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट भी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि एमएससी-2025 की शुरुआत ‘एक और दिन वोट करने के लिए जियें: लोकतांत्रिक लचीलापन मजबूत करना’ विषय पर पैनल चर्चा से हुई. इसमें प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, इलिसा स्लॉटकिन और त्रजास्कोव्स्की भी शामिल हुए. इस दौरान भारत को एक प्रभावी लोकतंत्र के रूप में रेखांकित किया. मौजूदा राजनीतिक निराशावाद के प्रति असहमति जताई. विदेशी हस्तक्षेप पर अपने विचार रखे.
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