S Jaishankar: एक वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में संवाद सत्र के दौरान भारतीय विदेशमंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकरी राष्ट्रपति के नेतृत्व का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने दुनिया के साथ जुड़ने के अपने दृष्टिकोण को मौलिक रूप से बदल दिया है और इसका प्रत्येक प्रमुख क्षेत्रों, खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में असर है.
एस जयशंकर ने कहा कि भारत के साथ संभावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर ट्रंप प्रशासन ने तेजी से प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नीति में गहन परिवर्तनों का एक उदाहरण न्यूनिक सुरक्षा परिषद सुरक्षा सम्मेलन में उपराष्ट्रपति का भाषण रहा है.
पहले भी एक प्रभावशाली….
विदेश मंत्री ने कहा कि म्यूनिख से कुछ दिन पहले पेरिस में एआई एक्शन समिट से पहले भी एक बहुत ही प्रभावशाली भाषण था, जिसपर ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में अमेरिका में परिवर्तन, जिससे आप सभी परिचित हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पिछले वर्ष में एक बड़ा बदलाव है. साथ ही दूसरा बदलाव भी है जो विकास का है. ऐसे में आप कह सकते है कि ये भले ही ये अधिक नाटकीय घटनाओं के बजाए एक खुलासा न हो और वो चीन की उन्नति है. तो ये निश्चति रूप से व्यापार के संबंध में हुआ है.
अमेरिका ने इन देशों को दी टैरिफ से राहत
उन्होंने कहा कि हमने व्यापार की कहानी के रूप में कई तरीकों से जो देखा वो तकनीक की कहानी भी रही है. भारतीय विदेशमंत्री की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब शुल्क पर ट्रंप की नीति ने बड़े पैमाने पर व्यापार व्यवधानों और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं को जन्म दिया है. हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को छोड़कर कई देशों को टैरिफ से 90 दिनों के लिए राहत दी है.
विदेशमंत्री ने दिया ये संकेत
ट्रंप के इस फैसले से व्यापार गतिरोध में तात्कालिक राहत मिलने की उम्मीद है. हालांकि एस जयशंकर ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते पर बातचीत की कोई जानकारी नहीं दी. लेकिन ये संकेत जरूर दिया है कि भारत इसे जल्द-से-जल्द तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने को उत्सुक है.
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