लंदन हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, तिहाड़ जेल में संजय भंडारी को खतरा, नहीं होगा प्रत्यर्पण!

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sanjay Bhandari Extradition: लंदन उच्‍च न्‍यायालय ने शुक्रवार को संजय भंडारी की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील को स्‍वीकार कर लिया है. भारतीय व्‍यवसायी और रक्षा क्षेत्र के सलाहकार संजय भंडारी पर कथित कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं. लॉर्ड न्यायमूर्ति टिमोथी होलोयडे और न्यायमूर्ति करेन स्टेन ने मानवाधिकारों के आधार पर यह फैसला सुनाया, जिसमें उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई.

अदालत ने अब नवंबर 2022 में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के आधार पर भारत में आपराधिक कार्यवाही का सामना करने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन के प्रत्यर्पण आदेश से उन्हें मुक्त करने का आदेश दे दिया है.

तिहाड़ जेल में भंडारी को खतरा

कोर्ट ने फैसले में कहा कि, उपलब्ध कराए गए सभी साक्ष्यों और सूचनाओं के मद्देनजर, जिसमें नए साक्ष्य भी शामिल हैं, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि तिहाड़ जेल में अपीलकर्ता (संजय भंडारी) को अन्य कैदियों और या जेल अधिकारियों से धमकी या वास्तविक हिंसा के साथ जबरन वसूली का वास्तविक खतरा होगा. कोर्ट ने माना कि जेल में भीड़भाड़ और सुरक्षा की कमी के वजह से उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा सकती.

कोर्ट ने क्यों मंजूर की अपील?

अपील इस आधार पर स्वीकार की गई कि संजय भंडारी का प्रत्यर्पण यूरोपीय मानवाधिकार संधि (ECHR) के अनुच्छेद 3 के तहत उसके अधिकारों के अनुरूप नहीं होगा, जो कि भारत सरकार द्वारा प्रत्यर्पित किए जाने पर दिल्ली की तिहाड़ जेल में उसे कैद रखने और जेल में पुलिस तथा अन्य जांच निकायों द्वारा उसके साथ किए गए व्यवहार के संबंध में दिए गए आश्वासन पर आधारित है.

जबरन वसूली और दुर्व्यवहार से बचाना मुश्किल

कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोपों की प्रकृति और भारत में उनके संबंध में प्रचार इस तरह का है कि उन्हें एक बहुत अमीर व्यक्ति माना जाएगा. इसलिए उनसे जबरन वसूली के लिए प्रमुख लक्ष्य होंगे. जेल संख्या 3 तिहाड़ जेल में अत्यधिक भीड़भाड़ और बहुत कम कर्मचारियों के मद्देनजर, सबसे ईमानदार जेल अधिकारियों के लिए भी अपीलकर्ता को गिरोह के सदस्यों समेत अन्य कैदियों के हाथों जबरन वसूली और दुर्व्यवहार से बचाना बेहद मुश्किल होगा.

भंडारी के खिलाफ दो प्रत्यर्पण अनुरोध

इसमें कहा गया कि भारत सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों से वास्तविक खतरा दूर नहीं होता. संजय भंडारी के खिलाफ दो प्रत्यर्पण अनुरोध किए गए थे. पहला प्रत्‍यर्पण अनुरोध जून 2020 में भारत के धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत धन शोधन के आरोप के संबंध में है, जबकि दूसरा प्रत्‍यर्पण अनुरोध जून 2021 में भारत के काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) एवं कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत लगाए जाने वाले आरोपों को लेकर है.

ये भी पढ़ें :- Russia-Ukraine War: यूक्रेन की कमर तोड़ रही रूसी सेना, 48 यूक्रेनी ड्रोन को किया ढेर

 

Latest News

समाप्त हुई तुर्किये में 1984 से चल रही जंग, उग्रवादी कुर्दिश संगठन ने किया युद्धविराम का ऐलान

Turkiye: तुर्किये में पिछले 40 वर्षों से चल रही जंग अब थम गई है. देश के सबसे बड़े उग्रवादी...

More Articles Like This

Exit mobile version