Saudi Arabia and US Partnership: अमेरिका सऊदी अरब को एक बार फिर आक्रामक हथियार देने के लिए राजी हो गया है. अमेरिका और सऊदी अरब के बीच हुई इस डील को लेकर माना जा रहा है कि हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका सऊदी अरब को हथियार देने के लिए तैयार हुआ है.
जानिए क्या बोला अमेरिका…
जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने तय किया है कि कुछ साल पहले यमन पर सऊदी की आक्रामक कार्रवाई के बाद बंद हुई हथियारों की आपूर्ति वह फिर से शुरू करेंगे. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि डील को फिर से शुरू करने के लिए सऊदी अरब ने अपने हिस्से का काम पूरा कर लिया है और हम अपने हिस्से को पूरा करने के लिए तैयार हैं.
बताते चले के कि तीन साल पहले अमेरिका ने सऊदी अरब को हथियार देना बंद कर दिया था. जिसके चलते दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई. सबसे खास बात यह है कि जिस यमन पर हमलों के चलते अमेरिका ने सऊदी से ये डील खत्म की थी, उसी यमन पर अब अमेरिका हमले कर रहा है.
सऊदी अरब अमेरिका का रणनीतिक साझेदार
विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मीडिया से कहा, सऊदी अरब अमेरिका का करीबी रणनीतिक साझेदार बना हुआ है और हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं. माना जाता है कि अमेरिका ने रियाद और सना के बीच समझौता कराने के लिए आक्रामक निर्यात पर रोक लगाई थी. हालांकि, यमनी सरकार ने अमेरिका पर सऊदी और यमन के बीच शांति समझौते को खत्म करने की कोशिश करने के इल्जाम लगाए हैं.
जानिए अमेरिका क्यों देने जा रहा सऊदी को हथियार?
गौरतलब है कि यमन के हूती लगातार अमेरिका और इजराइल से जुड़े जहाजों को निशाना बना रहे हैं. हूती विद्रोहियों को नाकाम करने के लिए अमेरिका ने एक संगठित सेना बनाकर हमले करने शुरू किए हैं. अमेरिका इस संगठन का हिस्सा सऊदी अरब को भी बनाना चाह रहा है. ताकि सऊदी भी हूतियों को रोकने के लिए कदम उठाए, लेकिन सऊदी ऐसा करने से बचता रहा है.
इस वजह से बच रहा सऊदी…
सऊदी अरब हूतियों पर आक्रमय से इसलिए भी बच रहा है. क्योंकि तीन साल पहले अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने सऊदी की यमन पर कार्रवाई की निंदा की थी और इसको मानव अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया था. वहीं, अब अमेरिका की तरफ से यमन पर आक्रमण शुरू कर दिया गया है. अमेरिका ने हूती से तनाव के बाद से अब तक 135 से ज्यादा टॉमहॉक मिसाइलें यमन पर दागी हैं और 7 हवाई हमले किए हैं.