न्यूक्लियर पावर की रेस में शामिल होने के लिए बेचैन सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया के अधिकारियों के साथ की बैठक

Aarti Kushwaha
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Saudi Arabia: चीन-पाकिस्तान के साथ ईराक भी इस समय परमाणु क्षेत्र के मामले में आगे निकल चुके है. ऐसे में अब सऊदी अरब भी इस रेस में शामिल होने के उतावला हो रहा है. इसी बीच सऊदी अरब और साउथ कोरिया के अधिकारियों ने राजधानी रियाद में एक हाई लेवल बैठक की है, जिसमें दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय संघर्ष और ऊर्जा सहयोग के साथ-साथ परमाणु और रक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई.

इस बैठक में दोनों देशों के 80 अधिकारी शामिल हुए इसी बीच दक्षिण कोरिया के राजदूत चोई ब्युंग-ह्युक ने कहा कि यह सेमिनार आर्थिक सहयोग पर चर्चा करने और GCC, खास तौर से गाजा और लाल सागर में क्षेत्रीय संघर्षों की साझा समझ बनाने के लिए एक मंच है, इसके साथ ही परमाणु और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में ऊर्जा सहयोग में विविधता लाने के लिए भी ये मंच होगा.

परमाणु ऊर्जा और SMR सहयोग

बता दें कि साउथ कोरिया के लिए GCC देशों से साझेदारी बढ़ाना सुरक्षा लिहाज से काफी बड़ा कदम है क्योंकि किम जोंग लगातार रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं. हालांकि इससे पहले ही दोनों देश मिलकर छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (SMR) पर मिलकर काम कर रहे हैं, जिसमें स्मार्ट 100 SMR भी शामिल है. यह एक जीरो कार्बन एनर्जी सोर्स है, जिसे साउथ कोरिया ने बनाया है.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण कोरिया की KAERI और सऊदी अरब के एटॉमिक एनर्जी प्रोजेक्ट साथ मिलकर एक संयुक्त परमाणु अनुसंधान और विकास केंद्र बनाएंगे. इस साझेदारी से सऊदी के न्यूक्लियर प्रोग्राम नए अयाम मिलने की उम्मीद है. वहीं, इस बैठक में FTA पर भी चर्चा हुई और इसका दायरा बढ़ा GCC और साउथ कोरिया के बीच व्यापार बढ़ाने पर सहमति जताई गई है. बता दें कि दिसंबर 2023 में दक्षिण कोरिया-GCC फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर साइन किए गए थे, जिसके बाद से दोनों क्षेत्रों के बीच ज्यादातर टैरिफ को खत्म कर दिया गया है.

क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी चिंता

वहीं, बैठक में गाजा के हालात और मध्य पूर्व में ईरान के प्रभाव जैसे क्षेत्रीय संघर्षों पर भी चर्चा की. इस दौरान दोनो देशों के बीच दुनिया में तेजी से बदल रहे रणनीतिक रुख खास तौर से एशिया के लिए अमेरिका और खाड़ी देशों पर इसके प्रभाव और रूस-उत्तर कोरिया संबंधों की वजह से एशिया में बढ़ी संघर्षों की संभावना पर भी चर्चा की गई. इतना ही नहीं, साउथ कोरिया और सऊदी अरब के बीच AI और एनर्जी ट्रांजिशन के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हुई.

इन मुद्दों पर बढ़ेगी साझेदारी

इस दौरान साउथ कोरिया ने सऊदी में एक AI डेटा सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव भी रखा है. ऐसे में अधिकारियों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक खतरों से निपटने के लिए सूचना साझाकरण, संयुक्त समुद्री अभ्यास और बहुपक्षीय राजनीतिक संवाद के साथ-साथ दक्षिण कोरिया और GCC राज्यों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है.

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