नेटफ्लिक्स क्रिएटर अलमुज़ैनी के खिलाफ सऊदी का बड़ा एक्शन, जेल की सजा के साथ इतने साल तक विदेश यात्रा बैन

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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Saudi Arabia: सऊदी नेटफ्लिक्स क्रिएटर अब्दुलअज़ीज़ अलमुज़ैनी के खिलाफ सऊदी सरकार ने बड़ा एक्‍शन लिया है. एनिमेटेड नेटफ्लिक्स शो द्वारा सऊदी के सोशल नियमों और दायरों को तोड़ने के आरोप में क्रिएटर पर कार्रवाई की गई है. सऊदी ने क्रिएटर को दोषी ठहराते हुए 13 साल जेल की सजा जारी की है. इसके साथ ही 13 साल के लिए सऊदी अरब से बाहर की उनकी यात्रा को बैन कर दिया है.

मालूम हो कि सऊदी सरकार सोशल मीडिया के नियमों को लेकर काफी सख्त रुख अपनाती है. इससे पहले भी सोशल मीडिया नियमों को तोड़ने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए कई लोगों को सऊदी में सजा सुनाई जा चुकी है. इनमें महिलाएं भी शामिल हैं.

सऊदी से बाहर जाने पर लगा प्रतिबंध

क्रिएटर अलमुज़ैनी ने पिछले सप्‍ताह ऑनलाइन पोस्ट किए गए एक वीडियो में बताया कि आपराधिक न्यायालय ने “उनके खिलाफ 13 साल की सजा जारी की, जिसके बाद 13 साल का यात्रा प्रतिबंध भी जारी कर दिया. हाल ही में अब्दुलअज़ीज़ अलमुज़ैनी ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि “मेरे सऊदी अरब से बाहर यात्रा करने पर रोक लगा दिया गया है”. अलमुज़ैनी ने कहा कि कोर्ट ने उन पर समलैंगिकता और उग्रवाद को बढ़ावा देने का दोषी ठहराया. अलमुजैनी ने ये भी कहा कि, सऊदी अधिकारियों के बढ़ते दबाव की वजह से, उन्हें अपनी कंपनी, मायरकोट एनिमेशन स्टूडियो को बंद करना पड़ा.

क्राउन प्रिंस से की मदद की अपील

सजा मिलने के बाद अलमुज़ैनी ने क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान से मदद की अपील की. मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अप्रैल के महीने में बताया था कि पिछले दो वर्षों में सऊदी न्यायपालिका ने सोशल मीडिया पर अपनी अभिव्यक्ति के लिए कई लोगों को दोषी ठहराया और लंबी जेल की सजा सुनाई. सऊदी के अधिकारियों के मुताबिक जिनकों सजा सुनाई गई वे आतंकवाद से संबंधित अपराध किए थे.

क्यों दी गई सजा

बता दें कि अलमुज़ैनी का नेटफ्लिक्स पर 2021 में एक शो मासमीर काउंटी शुरू हुआ था. यह एक व्यंग्यपूर्ण शो था. एपिसोड में इस्‍लामी उग्रवाद और जनजातियों के बीच विवाद जैसे मामलों पर जोक किए जाते थे. जानकारी के अनुसार, गुरुवार को बताया गया कि मामले में अदालती दस्तावेजों में अलमुज़ैनी के ऑनलाइन पोस्ट का हवाला दिया गया था, जिसमें बताया गया कि अलमुज़ैनी ने अरब शासन पर अपत्तिजनक टिप्पणी की. साथ ही महिलाओं के अधिकारों के लिए सपोर्ट व्यक्त किया था.

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