UN Resolution Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीते तीन साल ने जंग जारी है, लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव नजर आ रहा है. ये बदलाव आया है अमेरिका के रुख में. पहले जंग में अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. अमेरिका रूस के साथ खड़ा दिख रहा है. यूक्रेन जंग को लेकर संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश किया गया. खास बात यह रही कि इस प्रस्ताव पर अमेरिका और रूस एक साथ खड़े दिखे. तीन साल पहले शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग में यह पहली बार है, जब अमेरिका ने यूक्रेन की ओर से संयुक्त राष्ट्र में पेश मसौदा प्रस्ताव को न रोकने का प्रयास किया.
प्रस्ताव में क्या था?
संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सैन्य वापसी, शत्रुता को समाप्त करने और शांतिपूर्ण समाधान की मांग की गई है. यूरोपीय देशों और G7 (अमेरिका को छोड़कर) ने प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग किया, जिससे यह पारित हो गया. इस मतदान में भारत और चीन ने हिस्सा नहीं लिया. यूएन में पेश प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने वोटिंग की, जिसमें जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और G7 (अमेरिका को छोड़कर) जैसे प्रमुख देश शामिल रहे. रूस, अमेरिका, इजरायल और हंगरी समेत 18 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किए. जबकि भारत, चीन और ब्राजील समेत 65 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
बदला अमेरिका का रुख
खास बात यह है कि रूस-यूक्रेन जंग को लेकर बीते तीन सालों में अमेरिका हमेशा यूरोपीय देशों के साथ वोटिंग करता रहा है. ऐसा पहली बार हुआ हे जब अमेरिका ने अलग रास्ता चुना है. अमेरिका में आया यह परिवर्तन यूरोपीय पक्ष से अलग होने का संकेत देता है. यह अमेरिकी नीति में एक बड़े बदलाव को भी दिखाता है. इससे पहले आए प्रस्तावों में 140 से अधिक देशों ने रूस की आक्रामकता की निंदा की थी और यूक्रेन के क्षेत्रों से कब्जे को हटाने की मांग की थी.
राष्ट्रपति जेलेंस्की छोड़ देंगे पद
यहां आपको यह भी बता दें कि, यूक्रेन पर रूसी हमले के तीन साल पूरे होने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का बड़ा बयान सामने आया है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि यदि यूक्रेन को शांति की गारंटी मिलती है या फिर उसे नाटो सैन्य गठबंधन की सदस्यता दी जाती है, तो वह अपना पद छोड़ने के लिए तैयार हैं.
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