School Syllabus Change in China: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपने देश के बच्चों को भी अपनी तरह ही बनाना चाहते है, जिसके लिए उन्होंने स्कूलों के पाठ्यक्रमों को बदलने का फैसला किया है. चीनी शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस बार राष्ट्रीय सुरक्षा और पारंपरिक संस्कृति पर भी जोर दिया जा रहा है. चीन में अगले हफ्ते से शुरू होने वाले सेमेस्टर में स्कूली बच्चों को नई पुस्तकें दी जाएंगी, जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग का राजनीतिक दर्शन और उनके विचारों को शामिल किया गया है.
चीन के शिक्षा नियमों में बदलाव
दरअसल, चीन में नागरिकों को 9 साल की अनिवार्य शिक्षा देने का नियम है, जिसमें 6 साल की पढ़ाई प्राथमिक विद्यालय में और बाकी जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाया जाता है. लेकिन इस बार इन नियमों में बदलाव किया जा रहा है, जिसे पहली और 7वीं कक्षा में शुरू किया जाएगा. इसके बाद 9 कक्षाओं में लागू कर दिया जाएगा.
भारत के साथ हुए युद्ध भी पाठ्यक्रम में शामिल
दावा किया जा रहा है कि इन नई किताबों के जरिए बच्चों को शी जिनपिंग के विचारों और इतिहास से रूबरू कराया जाएगा. इसके साथ ही चीन का भारत के साथ हुए युद्ध के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. हालांकि इससे पहले साल 2018 में शी जिनपिंग के राजनीतिक दर्शन को इसमें शामिल किया गया था.
भारत और चीन के बीच विवाद
रिपोर्ट के मुताबिक, नई पुस्तकों में 1962 में हुए युद्ध को शामिल करने की प्लानिंग की जा रही है. दरअसल, सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन की झड़प होती रहती है. 4 साल पहले भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था. तभी से लेकर अब तब दोनों देशों ने सीमा पर अपने सैनिक तैनात किए हैं.